अपणु उत्तराखंड की खबर का असर,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र,शिक्षा विभाग में अधिकारियों की कमी दूर करने की मांग
देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था की प्रशासनिक दुर्दशा पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि , वर्तमान उत्तराखंड के 13 जिलों में से अधिकांश जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारी , जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक अथवा प्राथमिक के महत्वपूर्ण पदों में से कोई न कोई खाली है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को प्रेषित अपने पत्र में लिखा कि, नैनीताल , देहरादून, उधमसिंहनगर और बागेश्वर , चमोली ,अल्मोड़ा आदि जिलों में इन तीन महत्वपूर्ण पदों में से कोई न कोई पद खाली है। रुद्रप्रयाग जिले में तो ये तीनों महत्वपूर्ण पद रिक्त चल रहे हैं। उन्होंने लिखा कि , राज्य में खंड शिक्षा अधिकारियों के 40 से अधिक पद रिक्त हैं ।
नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि , काफी समय से जिले से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के इतने अधिक पदों के खाली होने के कारण प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ रही है। उत्तराखंड में जहां एक और शासन नई शिक्षा निति की बातें कर रहा है वहीं जिलो में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों का टोटा है. इसके बावजूद भी इन पदों को भरने के लिए लंबे समय से कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. जिसका सीधा असर कहीं न कहीं जिलो के सरकारी स्कूलों से विद्या प्राप्त करने वाले छात्रों पर पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लाने हेतु मुख्यमंत्री से अतिशीघ्र माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने की मांग की । आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल ने अपणु उत्तराखंड खबर का संज्ञान लिया है,जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा है। अपणु उत्तराखंड ने शिक्षा विभाग में गजब का मैनेजमेंट,कहीं पद खाली तो कहीं अधिकारी जिम्मेदारी मिलने का इंतजार,शिक्षा मंत्री पर टिकी नजरें करके खबर प्रकाशित की थी,जिसको लेकर नेता प्रतिपक्ष गम्भीर नजर आ रहे है यही वजह है कि उन्होंने मुख्यमंत्री को इस मामले में पत्र भेजा है। जबकि शिक्षा मंत्री के स्टाफ़ का कहना है कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा अधिकारियों को जिम्मेदारी मिलने को लेकर फाइल पर मुहर लग चुकी है शासन स्तर पर इसको लेकर आदेश होना है। लेकिन सवाल यही उठता है कि क्या एक आदेश जारी होने में भी शासन स्तर पर इतना समय लग रहा है कि कई जिलों में शिक्षा अधिकारी नहीं है और शासन स्तर पर फाइल पेंडिंग पड़ी हुई है। क्या शासन में बैठे अधिकारियों को भी जिलों में शिक्षा विभाग में खाली चल रहे पद नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए अब उम्मीद है कि नेता प्रतिपक्ष के द्वारा जो पत्र मुख्यमंत्री को लिखा गया है, उसका संज्ञान मुख्यमंत्री लेंगे और जल्द ही अधिकारियों को फटकार लगाते हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग में दिए जाने को लेकर अटकी हुई है,उस पर मुहर लगते विभाग में अधिकारियों की कमी को दूर किया जाएगा ।
शिक्षा विभाग में गजब का मैनेजमेंट,कहीं पद खाली तो कहीं अधिकारी जिम्मेदारी मिलने का कर रहे इंतजार,शिक्षा मंत्री पर टिकी नजरें https://apnuuttarakhand.com/amazing-management-in-the-education-department-somewhere-the-posts-are-vacant-and-somewhere-the-officers-are-waiting-to-get-the-responsibility-eyes-fixed-on-the-education-minister/