ऊर्जा कर्मचारियों की हठ के आगे ऊर्जा मंत्री का अनुभव आया काम,15 घण्टे की हड़ताल 1 महीने के आश्वासन पर टली
देहरादून। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच बातचीत के बाद ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया है। बैठक के बाद संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़े पदाधिकारियों ने हड़ताल को वापस ले लिया है बैठक में यूपीसीएल एमडी दीपक रावत भी मौजूद रहे और काफी मंथन के बाद कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए समय मांगा गया जिस पर विद्युत कर्मचारी संघ ने सहमति जताते हुए अपनी हड़ताल को वापस ले लिया,,कर्मचारियों की हड़ताल तकरीबन 15 घंटे तक चली । मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि 1 महीने के अंदर संयुक्त संघर्ष मोर्चा की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है वही जायज मांगों को विभागीय स्तर पर 15 दिन के अंदर दूर करने का प्रयास किया जाएगा। बताते चलें कि अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी कल देर रात से हड़ताल पर थे जिसके बाद प्रदेश में बिजली की दिक्कतें कई इलाकों में हुई । देहरादून के बिंदाल ,माजरा पुरकुल और झाझरा पावर हाउस इलाकों में बिजली गुल रही जिसके बाद ख़ुद ऊर्जा मंत्री को कर्मचारियों से बातचीत करने के लिए आगे आना पड़ा और उनके अशवासन के बाद हड़ताल को कर्मचारियों द्वारा स्थगित कर दिया गया ।
15 घंटे तक चली हड़ताल
15 घंटे तक चली हड़ताल ने ऊर्जा मंत्री को बैकफुट पर ला ही दिया यूपीसीएल एमडी मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कर्मचारियों को आश्वासन नहीं मिला तो हड़ताल के बाद मंत्री हरक सिंह रावत को कर्मचारियों से बातचीत करने के लिए आगे आना पड़ा और आश्वस्त करना पड़ा,कल देर रात से कर्मचारी हड़ताल पर रहे सौर ऊर्जा विभाग के कर्मचारी आज तीनों निगमों के बाहर सरकार से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए 14 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार सरकार पर सुबह से दबाव बनाया गया शहर के कई इलाकों की बिजली गुल रही । कैबिनेट बैठक से कर्मचारियों को कुछ उम्मीदें थी लेकिन बैठक में कर्मचारियों के लिए कोई भी प्रस्ताव न आने से कर्मचारियों में रोष बढ़ता गया और खुद ऊर्जा मंत्री को कर्मचारी को शांत करने के लिए आगे आना पड़ा और 15 दिन का अल्टीमेटम उनकी मांगों को पूरा करने के लिए देना पड़ा। वही मंत्री के काफी समझाने बुझाने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल को स्थगित कर दिया है लेकिन अगर जल्द ही कर्मचारियों की मांगे पूरी नही होती तो प्रदेश में एक बड़ा संकट बिजली का आ सकता है