देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधायकों के विशेषाधिकार हनन के मामलों को लेकर सदन गर्माया रहा। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने जानना चाहा कि कि विशेषाधिकार हनन के प्रकरणों में पूर्व में पीठ ने जो विनिश्चय दिए थे, उनपर क्या कार्यवाही हुई।
उनका ये भी आरोप था कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को सुनते नहीं है। इसे लेकर सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। विपक्ष ने कोरम पूरा न होने की बात कहते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। तब सदन में सत्ता पक्ष के चार विधायक ही मौजूद थे।
इससे पहले बीते रोज बेरोजगारी को लेकर सदन के भीतर राजनीति गर्मा गई। प्रश्नकाल के दौरान रोजगार और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों और कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डा हरक सिंह रावत के बीच तीखी नोकझोंक और झड़पें हुईं। राज्य में बेरोजगारी दर देश में सर्वोच्च होने के विपक्ष के आरोप को मंत्री ने नकार दिया तो विपक्ष ने सदन में रखे गए रोजगार के आंकड़ों पर सवाल उठा दिए।
मंत्री हरक सिंह रावत के 7 लाख को रोजगार देने के जवाब में कांग्रेस विधायकों ने इससे पहले सदन में ही 10 लाख को रोजगार देने के सरकार के वक्तव्य को लेकर हंगामा कर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।