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मातावाला बाग में सूचना बोर्ड पर लगी पेड़ो की संख्या,मातावाला वाला बाग को लेकर सच्चाई को लेकर उजागर हुए तथ्य

देहरादून। मातावाला बाग में जनसाधारण को सही जानकारी देने के उद्देश्य से सूचना बोर्ड लगाया गया है। सूचना बोर्ड लगाने का उद्देश्य सही जानकारी उपलब्ध करवाना है। सूचना बोर्ड में क्रमानुसार पेड़ों की संख्या को लिखकर दर्शाया गया है.
मातावाला बाग के पेड़ सुरक्षित हैं यह जानकारी आप सभी को पता चलनी ही चाहिए। बोर्ड लगाने का उद्देश्य शासन-प्रशासन, पुलिस, वन विभाग और आम जनता को सही जानकारी उपलब्ध कराना भी है कि मातावाला बाग में उपलब्ध पेड़ सुरक्षित हैं और किसी पर भी अवैध कटान का अरोप न लगे। उधर श्री दरबार साहिब प्रबन्धन के पास सूचना आने के बाद जब एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं ने उस समय मातावाला बाग में सफाई अभियान चलाया तो बाग में शराब की खाली बोतलें मिली थीं। इसके बाद मामले की परत दर परत सच्चाई खुलती चली गई। अपराधियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि वे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों व कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं। 4 मई को सोशल मीडिया पर अमित तोमर ने  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ललकारा है कि यदि अखाड़ा व मंदिर तोड़ने वालों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं हुई तो वह देहरादून के विभिन्न चैराहांें पर उनके पुतले जलाकर प्रदर्शन करेंगे जो कि राज्य के मुखिया का साफतौर पर अनादर व अपमान है।

इस कार्यवाही से अमित तोमर, अमन स्वेडिया व इनके अन्य साथी बौखलाये हुए हैं, क्योंकि गलत रूप से जनमानस की भावना भडकाने का अब इनके पास कोई अन्य आधार नहीं रहा। ये मातावाला बाग अखाड़े में नशे का कारोबार करते थे, नशे, ड्रग्स, शराब से संबंधित कई पाउच, शराब की खाली बोतलें वहां पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के छात्रों द्वारा 15 एकड़ में फैले बाग के विभिन्न हिस्सों से बरामद की गई । 
ऐसे कई सबूत मिले हैं कि ये लोग यहां पर अखाड़े व मन्दिर के सामने सांय व रात्रि के समय शराब, नशा व मीट-मांस का सेवन करते थे, जिससे कि आवारा कुत्ते मीट व मांस की गंध से अन्दर बाग में चले आते थे ये उन कुत्तों को मीट-मांस व हड्डियों के टुकडे देते थे ताकि हड्डियों का नामो-निशान न बच सकें। कुत्तों की प्रवृत्ति रहती है कि वो मीट-मांस वाली जगह पर एकत्रित हो जाते हैं। श्री झण्डे मेले के दौरान संगतों ने यह सब गतिविधियां वहां पर देखी और अमन स्वेडिया व उसके साथियों की पिटाई कर दी। अमित तोमर व अमन स्वेडिया ने अपने साथियों के साथ मिलकर अखाड़े के कमरों में ड्रग्स व शराब छिपाया था तो उन्होंने रात के अंधेरे में खुद ही अखाड़ा तोडकर मामले को दूसरा रूप देने की कोशिश की ताकि संगतों व श्री दरबार साहिब पर अखाड़ा तोड़ने का आरोप लगाया जा सके। अखाड़ा पिछले कई वर्षों से चल रहा है सन् 1995 से अखाड़े के प्रमुख कोच श्री पवन शर्मा जी को बहमलीन श्री महन्त इन्दिरेश चरण दास जी महाराज द्वारा नियुक्त किया गया था, उन्होंने बड़े अच्छे तरीके से कुश्ती अखाड़े का संचालन किया और अच्छी सेवाओं के लिए श्री पवन शर्मा जी को द्रोणाचार्य लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। श्री पवन शर्मा जी एक सज्जन व अच्छे पहलवान रहे हैं, लेकिन तीस साल की सेवा के बाद उन्होंने कोविड के दौरान संक्रमण होने व बाद में श्री शर्मा जी ने पिछले साल स्वतः ही श्री दरबार साहिब को अवगत किया था कि, वह अब अखाड़े को संचालित नहीं कर पायेंगे। इस बीच अमन स्वेडिया ने बिना दरबार साहिब की अनुमति के अखाड़े पर कब्जा करना शुरू करके 10-15 असामाजिक तत्वों की टीम बनाकर मातावाला बाग में अपनी स्थाई पार्किंग बनाकर अपनी कार पार्क करके नशे का कारोबार करने लगा। इस बीच श्री दरबार साहिब के नये नियुक्त प्रबन्धक, श्री मधुसूदन सेमवाल जी की नियुक्ति हुई जो कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (C. B.I.) व राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (N. S. A.) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने श्री दरबार साहिब की सम्पत्तियों का रख-रखाव करना शुरू किया। इसी क्रम में उन्होंने मातावाला बाग से नशेड़ियों को खदेड़ने का जिम्मा उठाया। श्री अमन स्वेडिया जो वहां पर अपनी कार जिसमें ड्रग्स, शराब व अन्य सामान आता था।  जब अमन स्वेडिया को कार हटाने को कहा गया तो उसने सेमवाल को अपशब्द कहे और उनपर पेड़ काटने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके आरोप लगाये लकिन तेज तर्रार व ईमानदार पूर्व CBI, NSA अधिकारी, प्रबन्धक मधुसूदन सेमवाल ने मोर्चा सम्भालकर उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी। इसी कारण अमित तोमर व अमन स्वेडिया का नशे के कारोबार से होने वाली लाखों की आय बन्द हो गई, तब इन्होंने बदले की भावना से श्री दरबार साहिब प्रबन्धन व पूज्य श्री महाराज जी को दबाव में लेने की कोशिश करके सेमवाल को हटाने की कोशिश कर अनाप-शनाप सोशल मीडिया पर पोस्ट करके झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिये। पेड़ काटने व मन्दिर तोड़ने की झूठी खबर लिखकर जन-भावनाओं को भडकाने का काम किया है। ये है असली मातावाला बाग की कहानी, क्योंकि अच्छे सज्जन व राष्ट्रीय कोच, द्रोणाचार्य अवार्डी, पवन शर्मा के सेवानिवृत्ति के बाद यह खेल शुरू हुआ। श्री दरबार साहिब ने पहलवानों खिलाडियों हेतु मथुरावाला में शर्तों सहित पहलवानों के लिए अखाड़े हेतु भूमि नियत कर दी है।

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