देहरादून। एनसीसी एकेडमी देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट किए जाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यहां तक कि देवप्रयाग क्षेत्र की जनता जो एनसीसी एकेडमी शिफ्ट किए जाने के खिलाफ विरोध कर रहे थे वह एक दूसरे को बधाई देते हुए भी नजर आ रहे। बधाईयां इसलिए दी जा रही थी कि कल सरकार के तरफ से कोर्ट में एनसीसी एकेडमी शिफ्ट किए जाने के मामले पर चल रही सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से ये कहा गया कि एनसीसी एकेडमी देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट नहीं होगी और टिहरी जिले के देवप्रयाग के माल्ड़ा में ही बनेगी। जिससे देवप्रयाग क्षेत्र की जनता में खुशी देखने को मिल रही थी,यहां तक कि देवप्रयाग से पूर्व विधायक और शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने इसे बड़ी जीत बताया था। लेकिन कोर्ट में सरकार के दिए पक्ष को लेकर जब हमने उत्तराखंड सरकार से लेकर शिक्षा विभाग तक संपर्क किया कि आखिर सरकार की तरफ से ऐसा वक्तव्य कोर्ट में किस आधार पर रखा गया है। जब त्रिवेंद्र सरकार ने पूरी ताकत के साथ एनसीसी शिफ्ंिटग को लेकर तैयारी कर दी है। यहां तक की पौड़ी में इसके लिए जमीन भी तलाश ली गई है।
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया रूख
एनसीसी एकेडमी देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट न किए जाने को लेकर शिक्षा सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई कांउटर ऐसा फाइल नहीं किया गया है जिसमें ये बात रखी गई हो। आदेश में भी साफ उल्लेख है कि सरकार की तरफ से कांउटर फाइल नहीं किया गया है।
भ्रम की स्थिति क्यों हुई पैदा
एनसीसी एकेडमी देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट न किए जाने की खबर ने क्यों तूल पकड़ा इसके पिछे की वजह हम आपको बातते है,सूत्रों की माने तो कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान सरकार की वकील ने जरूर ये बात कह दी कि एनसीसी एकेडमी शिफ्ट नहीं होगी,लेकिन इसको लेकर सरकार की वकील के द्धारा न तो सरकार से उसके रूख के बारे में कोई जानकार ली गई और न ही शिक्षा विभाग से,जिससे शिक्षा विभाग भी चकित है कि आखिर वकील के द्धारा बिना विभाग से जानकारी लिए वकील ने पक्ष कैसे रख दिया। सरकार के वकील से त्रिवेंद्र सरकार और शिक्षा विभाग की मुश्किले बढ़ गई,लेकिन शिक्षा सचिव के पक्ष से साफ है कि सरकार ने जो निर्णय लिया है कि एनसीसी एकेडमी देवप्रयाग से पौड़ी शिफ्ट होगी कोर्ट में उसी को लेकर सरकार अपना जवाब देगी।