उत्तराखंड शिक्षा विभाग में मचा घमासान,शिक्षक पर कार्रवाई को लेकर शिक्षक संगठन ने भरी हुंकार,दिलचस्प मोड़ पर पहुंची अधिकारियों और शिक्षक संगठन की जंग
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में इन दिनों राजकीय इंटर कॉलेज आनंद चौक टिहरी गढ़वाल के शिक्षक अनिल बडोनी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं दरअसल अनिल बडोनी चर्चाओं में जहां अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए तो रहते ही हैं, लेकिन टिहरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी के द्वारा उनके सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने को लेकर शिक्षक अनिल बडोनी इन दिनों पूरे विभाग में चर्चाओं का विषय बन गए हैं। दरअसल मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने जो आदेश जारी किया है, उसके तहत उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज आनंद चौक टिहरी गढ़वाल के प्रधानाचार्य को लिखा है कि उनके विद्यालय में कार्यरत प्रवक्ता अनिल बडोनी द्वारा फेसबुक पर जारी एक पोस्ट इस संबंध में उन के माध्यम से स्पष्टीकरण अपेक्षित है, निदेशक महोदय माध्यमिक शिक्षा द्वारा अपने पहले ही वेबीनार में स्पष्ट रूप से अधिकारियों को निर्देशित किया गया है,कि किसी भी अधिकारी,शिक्षक,शिक्षणेत्तर कार्मिकों द्वारा शासन या विभाग की नीतियों कार्यक्रमों योजनाओं के संबंध में सोशल मीडिया में आलोचना पोस्ट जारी करना कर्मचारी आचार संहिता के प्रावधान के प्रतिकूल मानी जाएगी। आचार संहिता में स्पष्ट उल्लेखित है कि कोई भी कर्मचारी ऐसा कोई लेख पुस्तक या अन्य रचना जिसमें स्वास्थ्य नीति योजनाओं की आलोचना निहित हो उसे प्रकाशित नहीं करेगा । अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी शासन एवं विभाग की अविभाज्य अंग तथा उन्हें यह अधिकार प्राप्त है कि वे अपनी मांगों के संबंध में जिनमें उनकी असहमति हो अपने मान्यता प्राप्त संगठन व व्यक्तिगत और प्रशासन विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं,सोशल मीडिया में असहमति व्यक्त करने का अर्थ शासन विभाग की नीतियों के प्रति जन सामान्य का मंतव्य निर्धारित करना है, जो एक राजनीतिक कृत्य माना जाएगा जिसकी अनुमति नहीं दी जाएगी अतः उपरोक्त संबंध में संबंधित प्रवक्ता से स्पष्टीकरण प्राप्त कर अधौहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
लेकिन खास बात यह है कि जो आदेश मुख्य शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी किया गया है उसमें अनिल बडोनी को प्रवक्ता पोस्ट के तहत किया गया लेकिन अनिल बडोनी का कहना है कि वह सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है ना कि प्रवक्ता के पद पर और यह बात भी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लिखिए। खैर जो भी हो अनिल बडोनी अब इसको लेकर अपना स्पष्टीकरण प्रधानाचार्य के माध्यम से देते हैं या नहीं देते हैं यह तो दूसरा पक्ष है। लेकिन उत्तराखंड राजकीय शिक्षक संगठन उनके पक्ष में उतर आया है। राजकीय शिक्षक संगठन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है कहा कि राजकीय शिक्षक संगठन उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी के नामित सदस्य अनिल बडोनी पर आधारहीन आरोपों के तहत स्पष्टीकरण मांगा गया है जो गलत है। इसलिए राजकीय शिक्षक संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी इस कार्रवाई का विरोध करती है और मांग करती है कि अनिल बडोनी के खिलाफ चल रही कार्रवाई को अविलंब निरस्त किया जाए। कुल मिलाकर देखें तो शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक संगठन आमने सामने अनिल बडोनी पर कार्रवाई को लेकर आ गए हैं। ऐसे में देखना यही होगा कि आखिर जब शिक्षा विभाग ने कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत शिक्षक से जवाब मांगा है तो क्या शिक्षक संगठन के दबाव में शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने कदम से पीछे हट जाएंगे,या फिर शिक्षक संगठन अपनी एकता के चलते शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अपनी एकता से कार्रवाई से रोक पाएंगे।