देहरादून। अंकिता भंडारी हत्या मामले में जहां एसआईटी की जांच लगभग पूरी हो चुकी है, वही उस वीआईपी गेस्ट का नाम अभी तक सामने नहीं आया है, जिसके लिए अंकिता पर एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था,और उसकी हत्या की वजह भी यही बताई जा रही है, ऐसे में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर करने को लेकर एक प्रदर्शन करने वाले है।
अंकिता भंडारी हत्या मामले में जहां कई तरह के मोड़ जांच रिपोर्ट के दौरान देखने को मिले तो,वही अंकिता भंडारी हत्या की जो प्रमुख वजह शुरु से ही रही,वह वीआईपी गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने की ही रही, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक उस वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर नहीं हो पाया है,जो अंकिता हत्याकांड की प्रमुख वजह रही। उसी वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर करने के लिए अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार पर दबाव बनाने को लेकर रात के अंधेरे में धरना देने वाले है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि एसआईटी दफ्तर के बाहर वह धरना देने वाले हैं। जिसको लेकर वह कांग्रेस संगठन से भी रायशुमारी करने जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करने की कोशिश कर रहे हैं तो वही बीजेपी का कहना है कि हरीश रावत अंकिता की हत्या पर भी सियासत करने का काम कर रहे हैं और हरीश रावत जिस तरीके से अपनी पोस्ट में वीआईपी गेस्ट का नाम उन्हें पता होने की बात कर रहे हैं तो उन्हें एसआईटी के पास खुद जाकर ही नाम बता देना चाहिए ना की अंकिता के नाम पर सियासत करनी चाहिए।
कुल मिलाकर देखें तो अंकिता हत्या मामले में अब हरीश रावत जहां एसआईटी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठने का मन बना चुके हैं तो वही देखना यह होगा कि आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का यह कदम क्या वास्तव में सरकार और एसआईटी पर कोई दबाव बनाता है, जिसके बाद जहां पूरे उत्तराखंड के साथ देश की जनता उस वीआईपी गेस्ट का नाम जानना चाहती है, क्या कुछ वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर ऐसे में हो पाएगा।