सत्र बढाने के सवाल पर सदन में हंगामा,काँग्रेस विधायक के सवाल को अध्य्क्ष ने रखा शुरक्षित
गैरसैंण । गैरसैण बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार ही रहा। सत्र की शुरूआत पर राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामा हुआ तो अभिभाषण के बाद शाम की पॉली में बजट सत्र की अवधि को लेकर हंगामा रहा । करीब एक घंटे तक हंगामे के साथ शुरू हुई बहस हंगामे पर ही समाप्त हुई।
काजी निजामुददीन ने उठाया सवाल
विधायक काजी निजामुददीन और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने बजट सत्र की पांच दिन की अवधि को नाकाफी बताया । विधायक काजी निजामुददीन ने क कार्य संचालन नियमावली का जिक्र करते हुए कहा कि नियमानुसार राज्यपाल के अभिभाषण पर कम से कम चार दिन चरचा होनी चाहिए। बजट प्रस्तुतिकरण के कम से कम दो दिन बाद चरचा शुरू होनी चाहिए। और वो भी चार दिन तक चलनी चाहिए । जबकि सरकार बजट पेश करने के अगले ही दिन चरचा करा रही है। विपक्ष का कहना था कि इसके बाद भी विभागवार बजट पर चरचा के लिए कम से कम 19 दिन का समय होना चाहिए । विपक्ष का जवाब संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने दिया । उन्होंने परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ.
विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला रखा सुरक्षित
परंपराओं और नियमावली, पक्ष और विपक्ष के तर्को के बीच फंसे विधानसभा अध्यक्ष ने दोनो पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया…विधानसभा अध्यक्ष ने बुद्ववार को पुन: कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई है। जिसमें एक बार फिर से सदन का बिजनेस तय किया जाएगा । बहरहाल, तर्क ये भी है कि परंपराएं कुछ भी बन गई हों, लेकिन नियम भी तो अपनी जगह हैं…बहरहाल ,फैसला विधानसभा अध्यक्ष को करना है…नियम, परंपराओं और राज्य हित में क्या सटीक बैठता है…बुद्ववार को ये भी तय हो जाएगा.