उत्तराखंड : हवलदार राजेंद्र नेगी के पार्थिव शरीर का होगा कोरोना टेस्ट, पार्थिव शरीर आने में लगेगा समय
देहरादून । 8 जनवरी 2020 को जम्मू कश्मीर के गुलमार्ग इलाके से लापता हुए । राजेंद्र नेगी को जहां सेना ने शहीद का दर्जा दे दिया था । वही राजेंद्र नेगी के परिजनों को सेना के द्वारा अवगत कराया दिया गया है,कि सेना के सर्च ऑपरेशन में राजेंद्र नेगी का पार्थिव शरीर मिल चुका है। 8 जनवरी 2020 को जम्मू कश्मीर के गुलमार्ग में ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से राजेंद्र नेगी लापता हो गए थे । जिसके बाद सेना लगातार उनकी खोजबीन कर रही थी । गुलमार्ग में कई फ़ीट बर्फबारी की वजह से उनका पता नहीं चल पा रहा था। 11वीं गढ़वाल राइफल की हवलदार राजेंद्र नेगी के पार्थिव शरीर को कल सेना के द्वारा चलाये गए सर्च ऑपरेशन में ढूंढ लिया गया ।
पार्थिव शरीर आने में देरी
पहले बताया जा रहा था कि राजेंद्र नेगी का पार्थिव शरीर आज देहरादून स्थित उनके आवास पहुंच जाएगा । लेकिन सेना के द्वारा राजेंद्र नेगी के परिजनों को अवगत कराया गया है कि अभी उनके बॉडी के कुछ मेडिकल टेस्ट होने के साथ ही कोरोनावायरस भी टेस्ट किया जाएगा । जिसके बाद सेना उनके पार्थिव शरीर को लेकर देहरादून स्थित आवास लाकर अंतिम विदाई विदाई देगी। राजेंद्र नेगी के परिजनों का कहना है कि सेना के द्वारा कल देर रात फोन कर उन्हें सूचना दी गई है, कि अभी उनके पार्थिव शरीर आने में 3 से 4 दिन भी लग सकते हैं । वही राजेंद्र नेगी के परिजन उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं । परिजनों का कहना है कि सीना के द्वारा उन्हें जो अवगत कराया गया है उसके तहत 18 या 19 अगस्त को उनका पार्थिव शरीर देहरादून पहुंचाया जाएगा ।
हवलदार राजेंद्र नेगी के लापता होने पर सड़को पर थे लोगों
मूल रूप से चमोली जनपद के रहने वाले हवलदार राजेंद्र नेगी का परिवार देहरादून में रहता है । सेना के द्वारा जब से राजेंद्र नेगी के लापता होने की बात उनके परिजनों को बताई गई थी, परिजनों तब से ही उनकी सूचना पाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे । यहां तक कि जब सेना ने उनको शहीद का दर्जा दे दिया था,तो तब उनकी पत्नी ने कहा था कि जब तक उनके पति के शहीद होने का कोई सबूत नहीं मिल जाता तब तक वह अपने पति को शहीद नहीं मानेंगे। अगर उनके पति शहीद भी हो गए होंगे तो उन्हें इस बात का गर्व होगा,क्योंकि देश की रक्षाके लिए कई पत्नियों के पति शहीद हो रहे हैं । लेकिन उनको पार्थिव शरीर मिल रहे है, और वह तभी अपने पति को शहीद मानेंगे जब उनको पार्थिव शरीर मिल जाएगा । ऐसा नहीं है कि राजेंद्र नेगी के परिजनों ने ही राजेंद्र नेगी के पता लगाने की मांग की हो, नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने संसद में राजेंद्र नेगी का पता लगाने को लेकर सवाल भी उठाया था । वही उत्तराखंड में कई दिनों तक लोग सड़कों पर उतर कर मांग कर रहे थे, कि राजेंद्र नेगी का पता लगाया जाए । यहां तक कि राजेंद्र नेगी की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजकर उनके पति का पता लगाने की मांग की थी। उत्तराखंड वीरों की भूमि है और देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड के वीर सैनिक अपने प्राणों को न्यौछावर भी कर देते हैं और यही कुछ हवलदार राजेंद्र नेगी ने किया जिन्होंने भारी हिमपात के बीच अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता दी और ड्यूटी देते देते हिमस्खलन की चपेट में आने से देश के लिए शहीद हो गए।