सीएम धामी समेत भाजपा युवा मोर्चा के 3 अध्यक्ष चुनावी मैदान में,तो दूसरी तरफ युवा मोर्चा के 2 अध्यक्षों ने की बगावत,निर्दलीय करवाया नामंकन

देहरादून। उत्तराखंड में होने वाले विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर जहां भाजपा ने युवा मुख्यमंत्री 60 पार का नारा दिया हुआ है,और युवा मुख्यमंत्री भी भाजपा युवा मोर्चा से ताल्लुक रखते हैं, वही भले ही पार्टी युवा मुख्यमंत्री 60 पार का नारा दे रही हो लेकिन जिस तरीके से टिकट बंटवारे में युवाओं की अनदेखी भारतीय जनता पार्टी ने की है,उससे कहीं ना कहीं अब पार्टी की मुश्किलें कई विधानसभा सीटों पर खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे दो बड़े चेहरों ने निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी, डोईवाला विधानसभा सीट से जहां सौरभ थपलियाल ने निर्दलीय मैदान में उतरने का एलान करने के साथ ही नामांकन भी कर दिया,वहीं कालाढूंगी विधानसभा सीट पर युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे गजराज बिष्ट जोकि प्रदेश महामंत्री भाजपा के पद पर भी रहे हैं उन्होंने निर्दलीय मैदान में ताल ठोकने के साथ ही नामांकन भी कर दिया। इन दोनों विधानसभा सीटों पर पार्टी को खासी मशक्कत अब जीत को लेकर करनी होगी क्योंकि कालाढूंगी विधानसभा सीट पर जहां कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भाजपा की ओर से मैदान में है तो वहीं गजराज भी उनका खेल बिगाड़ सकते हैं क्योंकि गजराज बिष्ट की पकड़ युवाओं में खासि है। साथ प्रदेश महामंत्री की भी जिम्मेदारी व भाजपा में उठा चुके हैं जबकि त्रिवेंद्र सरकार में वह दायित्वधारी भी थे, ऐसे में कालाढूंगी सीट पर भाजपा के लिए मुसीबत गजराज बिष्ट खड़ी कर सकते हैं। वही डोईवाला विधानसभा सीट की बात करें तो कई सालों से सौरभ थपलियाल डोईवाला विधानसभा सीट पर मेहनत कर रहे थे 2017 के विधानसभा चुनाव में ही माना जा रहा था कि सौरभ थपलियाल को पार्टी टिकट देगी लेकिन 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत जो कि डोईवाला से चुनाव जीते और मुख्यमंत्री भी बने उनको पार्टी ने टिकट दे दिया था लेकिन जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कह दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ने वाले तो सभी को यह लगा कि इस बार डोईवाला विधानसभा सीट पर भाजपा युवा चेहरा सौरभ थपलियाल पर दांव खेलेगी लेकिन पार्टी ने सौरभ थपलियाल की अनदेखी कर दी ऐसे में डोईवाला विधानसभा सीट पर सौरभ थपलियाल का अच्छा प्रभाव है इसलिए उनके निर्दलीय मैदान में उतरने से पार्टी को इसका नुकसान भी भुगतना पड़ सकता है।

युवा मोर्चा के चेहरों पर दारोमदार
एक तरफ उत्तराखंड में भाजपा ने जहां युवा मोर्चा से निकले चेहरों पर भरोसा भी जताया वहीं दूसरी तरफ कई चेहरों को दरकिनार भी किया बात अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की करें तो युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी रहे और उन्हीं के चेहरे पर पार्टी चुनाव भी लड़ रही है पार्टी ने युवा मुख्यमंत्री 70 पार का भी नारा दिया, वहीं दूसरी तरफ बद्रीनाथ विधानसभा सीट से युवा मोर्चा के पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे महेंद्र भट्ट को पार्टी ने फिर से प्रत्याशी बनाया है, जबकि देवप्रयाग विधानसभा सीट पर भी पार्टी ने विनोद कंडारी जो कि युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे उन पर ही भरोसा जताया है ऐसे में कहा जा सकता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी ने युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों पर भरोसा भी जताया तो वही दो पूर्व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों को नजरअंदाज भी किया जो कि चुनावी मैदान में निर्दलीय तौर पर उतर आए हैं। यानी कि युवा मोर्चा के तीन पूर्व अध्यक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महेंद्र भट्ट और विनोद कंडारी जहां चुनावी मैदान में हैं, वही सौरभ थपलियाल और गजराज बिष्ट निर्दलीय मैदान में उतर कर भाजपा से बगावत कर चुके हैं।

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