उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर,शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने का आदेश बना चर्चा का विषय,तुगलगी आदेश को वापस करने की मांग
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में इन दिनों जहां शीतकालीन अवकाश के तहत विद्यालय बंद है। तो वही उत्तराखंड का एक स्कूल ऐसा भी है जहां के लिए खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा बकायदा शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया गया है। यानी कि पूरे प्रदेश में जहां इन दिनों शीतकालीन अवकाश के चलते सभी स्कूल बंद है। तो वहीं दूसरी तरफ देहरादून जनपद के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मटियावा में छात्रों की पढ़ाई के लिए स्कूल खुले हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कालसी भुवनेश्वर प्रसाद के द्वारा छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया गया है। फोन पर जब हमने उनसे शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने की वजह पूछी तो उनका साफ तौर से कहना था, कि विद्यालय में 7 शिक्षक तैनात हैं, लेकिन कुछ समय पहले मात्र तीन ही शिक्षक विद्यालय में सेवाएं दे रहे थे,जिसकी वजह से छात्रों को काफी नुकसान पढ़ाई में हुआ है । इसलिए उन्होंने शीतकालीन अवकाश 5 जनवरी तक निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया था, और बाकी शीतकालीन अवकाश की अवधि के दौरान शिक्षक ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाते रहेंगे। आपको बता दें कि स्कूल के शिक्षकों की अन्य जगह ड्यूटी लगाए जाने से अभिभावक भी नाराज थे, और आंदोलन भी इसको लेकर चलाया गया। जिसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी कालसी के द्वारा शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने के साथ ही स्कूल में बायोमेट्रिक की व्यवस्था से उपस्थिति दर्ज किए जाने का भी आदेश दिया गया था। जबकि अन्य जगह सेवाएं दे रही समस्त शिक्षकों एवं कार्मिकों की समस्त व्यवस्थाएं भी समाप्त कर दी गई थी।
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग में सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं,राजकीय शिक्षक संघ एससीआरटी शाखा के अध्यक्ष अंकित जोशी ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र देकर कालसी खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा शीतकालीन निरस्त किए जाने के आदेश को तुरन्त खारिज किए जाने की मांग की है। अंकित जोशी का कहना है कि यह शिक्षकों का उत्पीड़न है कि जो शीतकालीन अवकाश में उनसे स्कूल आने का फरमान जारी करवाया गया जो कि पूरी तरीके से नियमों के विपरीत है, क्योंकि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा शीतकालीन अवकाश को लेकर आदेश जारी होता है, जिसे खंड शिक्षा अधिकारी अपने मनमाने तरीके से निरस्त करवा रहे हैं,तुगलकी फरमान जारी किया गया है। जिसे तुरंत वापस विभाग के द्वारा किया जाना चाहिए।
5 जनवरी तक अवकाश निरस्त किए जाने का नहीं था जिसमें जिक्र
हालांकि खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसमें 5 जनवरी तक अवकाश निरस्त किए जाने का कोई जिक्र नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरीके से अब खंड शिक्षा अधिकारी पर शायद कोई दबाव पड़ा हो या जिस तरीके से नियमों के तहत शीतकालीन अवकाश निरस्त किए जाने का उनको अधिकार नहीं था उसके चलते वह 5 जनवरी तक अवकाश की बात करने की बात कर रहे हैं क्योंकि जो आदेश उनके द्वारा 24 दिसंबर को जारी किया गया है उसमें केवल 5 जनवरी तक अवकाश निरस्त किए जाने का कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि शायद कोई विभागीय दबाव भी उनके ऊपर शीतकालीन अवकाश को निरस्त किए जाने को लेकर पड़ा होगा जिसको लेकर उन्होंने मात्र 5 जनवरी तक अवकाश निरस्त किए जाने की बात कही है।