नर्सिंग लिखित भर्ती परीक्षा का कांग्रेस ने किया विरोध,परीक्षा से कोरोना संक्रमण बढ़ने की जताई चिंता
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने एक बयान जारी करके सरकार द्वारा नर्सिंग की भर्ती परीक्षाएं कराए जाने का विरोध किया है। प्रवक्ता ने कहा कि सालों से ग्रामीण अंचलों में अपनी सेवाएं दे रहे नर्सेज को सरकार ने उनके अनुभव का और सेवा का वेटेज देना चाहिए ना कि उन्हें फ्रेशर्स के समकक्ष रखा जाना चाहिए। दसोनी ने कहा के इस वक्त भर्ती परीक्षाएं कराया जाना पूरी तरह से अव्यावहारिक है और इसका कोई औचित्य नही। सरकार के द्वारा मात्र 2 केंद्र देहरादून और हल्द्वानी पूरे उत्तराखंड में चयनित करना सरकार की अदूरदर्शिता दिखाता है। गरिमा ने कहा कि आज जब कोरोना महामारी अपने चरम पर है ऐसे में दूरदराज के लोग इन दो केंद्रों तक कैसे पहुंचेंगे यह एक समस्या है ।वहीं दूसरी ओर कई अभ्यर्थी कोरोना संक्रमित हैं ऐसे में वह चयन प्रक्रिया से वंचित रह जाएंगे उस और भी सरकार को सोचना होगा। आज जब तमाम नर्सेज अस्पतालों में मानवता की सेवा करते हुए लोगों के उपचार में लगे हुए हैं ऐसे में यदि सरकार द्वारा भर्ती परीक्षाएं कराई जाएंगी तो वह परीक्षाओं की तैयारी के लिए छुट्टी लेंगे जिससे अव्यवस्थाएं और ज्यादा बढ़ेगी । दसोनी ने कहा एक तरफ जहां सारे देश में हर तरह की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हो वहां उत्तराखंड में इन परीक्षाओं का क्या औचित्य है। इस वक्त कोरोना महामारी अपने चरम पर है ऐसे में सरकार को समय व्यर्थ ना करते हुए तुरंत रिक्त पड़े हुए पदों को भरने के बारे में सोचना चाहिए। यदि भर्ती परीक्षाएं देने के लिए संक्रमित लोग आएंगे तो संक्रमण को और बढ़ावा देंगे। जानकारी के मुताबिक अभी तक 10,000 आवेदन आ चुके हैं अगर इन दो केंद्रों में भीड़ लगेगी तो यह परीक्षाएं सुपर स्प्रेडर का काम भी कर सकती हैं। ऐसे में सरकार को वरीयता के आधार पर अनुभव के आधार पर नर्सिंग की भर्ती करनी चाहिए।