बलूनी के प्रयास से आजादी के 73 साल बाद सीमांत क्षेत्र में खुशी की लहर,फोन में बजने लगी है घण्टियाँ

देहरादून । चमोली जनपद की बिरही-निजमुला घाटी में पहली बार फोन की घंटिया सुनाई देने से निजमुला घाटी में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस संचार क्रांति का शुभारंभ भाजपा राष्ट्रिय मीडिया प्रमुख व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होंने निजमुला घाटी के समस्त ग्रामीणों को संचार क्रांति से जुडने के लिए बधाई देते हुये कहा की वे निजमुला घाटी को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे। निजमुला घाटी जनपद चमोली के दशोली ब्लाक का दुरस्त इलाका है। इस घाटी के झिंझी, पाणा, ईराणी, दुरमी, पगना, गौणा, गाडी, ब्यारा, सैंजी, थौली, मोली, मानुरा, भनाई, तडाग ताल, हुडुंग, धार कुमाला सहित दर्जनों गांव है जहां अभी विकास की गति धीमी है। आजादी के 73 साल बाद भी इस घाटी में मूलभूत सुविधायें नहीं पहुँच पायी है। जिस कारण ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल ये घाटी पर्यटन की दृष्टि से बेहद अहम थी, क्योंकि इस घाटी में 5 दशक पहले तक प्रसिद्ध गौणा ताल था। लेकिन 20 जुलाई 1970 गौणा ताल टूटने से इस घाटी में विकास का पहिया भी थम गया था।

73 साल बाद फोन में बजी घण्टी

निजमुला घाटी के युवा, ईराणी गांव के ग्राम प्रधान और प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष मोहन सिंह नेगी के प्रयासों से इस घाटी के दर्जनों गांवों में आजादी के 73 साल बाद फोन की घंटिया घनघाने लगी है। युवा मोहन नेगी नें बताया की घाटी के एक दर्जन से अधिक गांवों में संचार सेवा न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। खासतौर पर आपातकालीन स्थिति में इस घाटी के गांवों में सम्पर्क न होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को आॅन लाइन पढ़ाई के लिए गांव से चार किलोमीटर दूर संकटाधार में पहुंच कर नेटवर्क क्षेत्र में आकर अपनी पढ़ाई सुचारू करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था।

 

अनिल बलूनी के प्रयास से सपना हुआ साकार

कल शनिवार को राज्य सभा सासंद अनिल बलूनी जी के अथक प्रयासों से जियो कंपनी द्वारा स्थापित बिरही व सैंजी में दो मोबाइल टावरों नें कार्य करना शुरू कर दिया है जिससे एक दर्जन गांव के ग्रामीणों को दूरसंचार की सुविधा मिलनी शुरू हो गयी है। वहीं अभी एक टावर संकटाधार में भी लगाने की प्रक्रिया गतिमान है। जिससे ईराणी गांव सहित घाटी के शेष गांव भी संचार क्रांति से जुड जायेंगे। क्षेत्र में दो जिओ के टावर जहां लग चुके हैं वहीं तीसरे टावर की सेवाएं भी जल्द शुरू होने वाली है। बलूनी के प्रयास को लेकर क्षेत्र में सभी आभार भी व्यक्तत कर रहे हैं ।

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