प्राइवेट स्कूलों में फीस वसूली को लेकर कारवाई का आदेश जारी,सरकारी कर्मचारियों को नियमित करनी होगी बच्चों की फीस जमा

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर है,जी हां विद्यालय शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय के द्वारा प्राइवेट स्कूलों के द्वारा कोविड-19 महामारी में विद्यालय बंद होने के फलस्वरूप फीस भुगतान को लेकर आदेश जारी किए गए हैं, जिसके तहत कई बिंदुओं को लेकर सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं जो गलत तरीके से शुल्क अभिभावकों से ले रहे हैं।

लेकिन आदेश में शिक्षा महानिदेशक ने प्राइवेट स्कूलों के द्वारा मात्र ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाली निजी विद्यालयों को विद्यालय बंद रहने की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति की बात कही है वहीं अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क अली अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा।

ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से शिक्षा का लाभ लेने के बावजूद भी शुल्क देने में असमर्थ अभिभावक कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रबंधन समिति से शुल्क जमा करने हेतु अतिरिक्त समय का अनुरोध कर सकते हैं, किसी भी परिस्थिति में छात्र को शुल्क जमा करने में विलंब के कारण विद्यालय से बाहर नहीं किया जाएगा।

कोविड-19 के संक्रमण से रोकथाम हेतु विद्यालय के बंद रहने की अवधि में सरकारी अर्द्ध सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से वेतन प्राप्त करने एवं उनकी आजीविका में किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने के कारण ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से कक्षाओं का लाभ लेने के फल स्वरुप नियमित रूप से निर्धारित शिक्षण शुल्क जमा कराया जाएगा।


लेकिन शिक्षा महानिदेशक ने इन तमाम आदेशों को पहले भी जारी होने के बाद कहां है कि संज्ञान में आया है कि कई निजी विद्यालय द्वारा विगत वर्ष से विभिन्न मदों जैसे खेल कंप्यूटर आदि में ली जाने वाली फीस को भी शिक्षण शुल्क में सम्मिलित कर अनुचित ढंग से शिक्षण शुल्क में वृद्धि कर ली गई है जो उक्त निर्देशों का उल्लंघन है पत्र निर्देशित किया जाता है कि तत्काल ऐसी विद्यालयों को चिन्हित कर जांच करें जिनके द्वारा विभिन्न मदों के शुरु को को शिक्षण शुल्क में समाहित कर शिक्षण शुल्क लिया जा रहा है तथा दोषी पाए जाने पर संबंधित विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।

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