एसीआर के मुद्दे पर बयानों के बाण,पूर्व सीएम ने मंत्रियों को दी काम करने की सलाह,तो हरक ने महाराज पर कसा तंज

देहरादून। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा मंत्रियों को आईएएस अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर लगता है,कि महाराज की बात से ना तो उनके सहयोगी मंत्री इत्तेफाक रखते हैं,और ना ही राजनीति में बड़े पदों पर काम करने वाले नेता महाराज की मांग को जायज मानते हैं।  यही वजह है कि सतपाल महाराज जहां काफी लंबे समय से आईएएस अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मांग कर रहे हैं, तो वही अभी तक कोई मंत्री खुलकर इस बात को लेकर आगे नहीं आया है, कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मांग जायज है । और उन्हें आईएएस अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार मिलना चाहिए । यही वजह है कि अब कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज इस पर बैकफुट पर नजर आ रहे हैं,किसी का साथ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को नहीं मिल रहा है,यहां तक की भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता भी सतपाल महाराज की मांग को जायज नहीं मान रहे, और उन्हें उल्टा काम पर ध्यान देने की सलाह दे रहे।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के दो टूक काम पर ध्यान दे मंत्री

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा आईएएस अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सतपाल महाराज को दो टूक शब्दों में जवाब दिया है, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि मंत्रियों को अपने काम पर फोकस करना चाहिए, अफसरों को डरा कर काम करवाना ठीक नहीं है, ऐसा वातावरण तैयार मंत्रियों को करना चाहिए कि अधिकारी अच्छा काम करें,यदि कोई अधिकारी काम चोरी करता है,तो उसकी शिकायत मंत्रियों को मुख्यमंत्री से करनी चाहिए, मंत्रियों को अधिकारियों और कर्मचारियों को मोटिवेट करना चाहिए ताकि वह प्रदेश हित में अच्छा काम कर सके।

किशोर उपाध्याय ने भी दी राय

वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और टिहरी से  भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय का कहना है कि यदि एसीआर मंत्रियों के द्वारा लिखे जाने से प्रदेश की जनता को कोई फायदा है,तो इस पर विचार किया जाना चाहिए,वरना केवल सर्वे सर्वा के लिए और अधिकारियों और सरकार में खाई बांटने के लिए ये बात कही जा रही तो फिर सही नहीं है।

हरक सिंह ने कसा तंज

उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों गुमनाम चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी मंत्रियों को acr का अधिकार दिए जाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, कि जिस तरीके से सतपाल महाराज लगातार इस मांग को उठा रहे हैं उससे लगता है कि सतपाल महाराज की बातों को उनके विभागों के सचिव नहीं सुन रहे हैं। इसलिए वह सतपाल महाराज तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं कि यदि अगर एसीआर का अधिकार मंत्रियों को लिखने का मिल भी जाए तो महाराज की बात को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी हो या पर्यटन विभाग के अधिकारी हो फिर भी नहीं सुनने वाले।

महाराज पड़े अकेले

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा आईएएस अफसरों एसीआर का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मांग पर लगता है, कि महाराज इस मामले में अलग-थलग पड़ चुके हैं, यही वजह है कि ना तो अभी तक उनके सहयोगी किसी कैबिनेट मंत्री ने खुलकर उनकी मांग का समर्थन किया है और ना ही किसी पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने महाराज की मांग को जायज बताया, ऐसे में देखना यही होगा कि आखिरकार महाराज जिस हठधर्मिता के साथ अपनी मांग पर अड़े हुए हैं,तो क्या उनकी मांग पर गंभीरता से मुख्यमंत्री विचार भी करेंगे या फिर उनकी मांग को यूं ही अनदेखा किया जाता रहेगा।

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