शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को स्थाई रूप से संभालने को लेकर बड़ी खबर,अब बार – बार नहीं करने होंगे प्रमाण पत्र जमा

देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी डिग्री हासिल कर शिक्षक बनने वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच समय-समय पर किए जाने को लेकर सभी शिक्षकों को बार – बार प्रमाण पत्र जमा करने पड़ते हैं,जिसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा शिक्षा विभाग को सुझाव दिया गया था, कि सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को विभाग स्थाई रूप से रिकॉर्ड के रूप में संभाल कर रखें। जिसको लेकर शिक्षा निदेशक ने संज्ञान ले लिया है। शिक्षा निदेशक के द्वारा इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिससे जूनियर स्तर के शिक्षकों के शैक्षिक आरक्षण समेत सभी दस्तावेज अब से उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सुरक्षित रहेंगे । इसके बाद भविष्य में किसी जांच या जरूरत पड़ने पर शिक्षकों को स्वप्रमाणित फोटो कॉपी खुद जमा करने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा निदेशालय ने गुरुवार को शिक्षकों के प्रमाणपत्रों को स्थाई रिकॉर्ड बनाने के आदेश जारी कर दी है। उप शिक्षा अधिकारियों को अपने कार्यालय में सभी शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य प्रमाण पत्र प्रमाणित प्रतियां स्थाई रूप से सुरक्षित रखना होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच को जमा कराए जा रहे दस्तावेजों में शिक्षकों पर एक अतिरिक्त सेट भी जमा किया जा रहा है। जिन शिक्षकों ने अतिरिक्त सेट नहीं दिया है। उनसे भी यह मांगा जाएगा अपर निदेशक बेसिक बी एस रावत ने कहा है कि वर्ष 2012 से 2018 के बीच शिक्षकों की नियुक्ति अधिकारी उप शिक्षा अधिकारी थे। शैक्षिक दस्तावेज रिकॉर्ड को भविष्य के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों के दस्तावेजों का स्थाई रिकॉर्ड तैयार कर लिया जाए ।

शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षक संघ की आपत्ति के बाद यह कदम उठाया उन्होंने सरकार व शिक्षा निदेशक को ज्ञापन देकर बार बार दस्त जाने पर ऐतराज जताया था। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह चौहान का कहना है कि शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह शिक्षक कार्मिकों के रूप में स्थाई समाधान हो जाएगा रिकॉर्ड रखने के लिए अलग से रिकॉर्ड बनाने की जरूरत नहीं है एक कंप्यूटर में ही सारा डाटा सुरक्षित रहेगा

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