उत्तराखंड से बड़ी खबर,छात्रों और स्टॉफ को लानी होगी कोविड-19 नेगिटिव रिपार्ट,तभी मिलेगा प्रवेश,आदेश हुए जारी

देहरादून। उत्तराखंड में 17 नवंबर से 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए सरकारी आवासीय स्कूल खुलेंगे। शासन की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर एसओपी जारी की गई है। स्कूल खोले जाने को लेकर शिक्षा महानिदेशक आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।आदेश के तहत स्कूल खोलने से पहले समस्त स्टाफ और छात्र-छात्राओं की अधिकतम 72 घंटे पहले कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट स्कूल के प्रिंसिपल के माध्यम से संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी या शिक्षा मुख्य शिक्षा अधिकारी को अवगत कराएंगे। 


इसके अलावा जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी नगर मजिस्ट्रेट या उप जिला अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से स्कूल का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी छात्रावास में छात्रों के शारीरिक दूरी आवासीय विद्यालय में भोजन बनाने एवं वितरण आदि संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। आवासीय स्कूल परिसर का सैनिटाइजेशन भी कराया जाएगा। आदेश के तहत सरकारी आवासीय स्कूल के प्रिंसिपल से एसओपी का पूरी तरह से पालन करने को लेकर प्रमाणपत्र भी लिया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल के समस्त स्टाफ की आवासीय परिसर में ही नियमित रूप से निवास की व्यवस्था कर ली गई है ताकि बाहरी संक्रमण को स्कूल परिसर में आने से रोका जा सके। 

सरकारी आवासीय स्कूल में अलग-अलग क्वारंटीन सेंटर बनाए जाएंगे। यदि कोई स्कूल परिसर में प्रवेश करता है तो चिकित्सा विभाग के मानक के अनुसार उन्हें वहां रखा जाएगा। इसके अलावा यदि किसी छात्र-छात्रा को क्वारंटीन में रखा जाता है तो उसकी सुरक्षा, स्वच्छता एवं भोजन प्रबंधन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व स्कूल का होगा।शिक्षा सचिव के आदेश में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर शिक्षा विभाग की ओर से चलाए जा रहे राजकीय आवासीय विद्यालय खुलेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई अभिभावक वर्तमान परिस्थितियों में अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए सहमत नहीं है तो ऐसे छात्र को पहले की तरह ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।मॉनिटरिंग के लिए डीएम हर जिले में बनाएंगे नोडल अधिकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि हर जिले में जिलाधिकारी द्वारा सरकारी आवासीय स्कूलों की मॉनिटरिंग एवं एसओपी का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को जिले का जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।

इसके अलावा मुख्य शिक्षा अधिकारी को पदेन सहायक नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा। वहीं हर स्कूल के प्रिंसिपल उसके स्कूल स्तरीय नोडल अधिकारी होंगे, जो एसओपी जारी होने के तीन दिन के भीतर अपने स्कूल की मानक संचालन प्रक्रिया का ड्रॉफ्ट तैयार कर अपने जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे। 

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