उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड से बड़ी खबर,उत्तराखंड धर्मस्व तीर्थाटन परिषद का हो सकता है गठन,चार धाम यात्रा के साथ प्रमुख मेलों और त्योहारों के आयोजन की होगी जिम्मेदारी

देहरादून।  उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के संचालक को लेकर पहले सरकार के द्वारा जहां देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, तो वहीं तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते सरकार को देवस्थानम बोर्ड को भंग करना पड़ा,लेकिन इस वर्ष चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के हुजूमों ने एक बार फिर सरकार को यात्रा संचालक के लिए किसी बॉडी की आवश्यकता को महसूस किया गया,और इसी के चलते सरकार के द्वारा अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया,जिसके द्वारा चार धाम यात्रा के संचालन के साथ मेलों और त्योहार के बेहतर संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन का कहना है कि कमेटी ने स्टेट होल्डरों और जिलों से फीडबैक लेकर रिपार्ट तैयार की है। जो कि मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है समिति ने उत्तराखंड धर्मस्व तीर्थाटन परिषद का गठन करने का सुझाव सरकार को दिया है, जिसके तहत त्रिस्तरीय बॉडी काम करने का सुझाव दिया गया है,एक बॉडी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम करेगी जो की नीति निर्धारण को लेकर फैसला लेगी तो वहीं दूसरी बॉडी मुख्य सचिव और तीसरी बॉडी गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल की आयुक्तों की अध्यक्षता में होगी साथ ही एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति का भी सुझाव दिया गया है,मुख्य कार्यकारी अधिकारी साल भर चार धाम यात्रा के बेहतर संचालन और मेलों और त्योहारों के संचालक को लेकर काम करते रहेंगे। उत्तराखंड धर्मस्व तीर्थाटन परिषद चार धाम यात्रा के लिए प्लान और नियोजन का भी काम करेगा जिसके तहत श्रद्धालुओं को बेहतर बुनियादी सुविधाओं को देने के लिए जिम्मेदारी निभाएगा।

 

 

 वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में जिस कमेटी का गठन किया गया था, उसकी रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है,रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है, चार धाम यात्रा की संचालन का भी जिम्मा बेहद जरूरी है, क्योंकि इस वर्ष 50 दिन के भीतर ही 30 लाख श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन कर दिए, जबकि रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंच चुका है, चार धाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफलाइन भी है, इसलिए यात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है,जिसके लिए बुनियादी सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा।

 

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