दिल्ली पहुंचे कैबिनेट मंत्री हरक और विधायक काऊ ने की जेपी नड्डा से मुलाकात,2022 के विधानसभा चुनाव पर हुई चर्चा,हरक को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत

देहरादून। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले जहां सभी की नजरें हरक सिंह पर लगी हुई है, कि आखिर हरक सिंह रावत 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर क्या रणनीति अपनाएंगे,क्योंकि उत्तराखंड की सियासत में हरक सिंह ऐसा नाम है जिनका उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के समय रोल काफी अहम हो जाता है, और 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरीके से हरीश रावत सरकार में बगावत कर उन्होंने भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था,उससे 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी की नजरें हरक सिंह पर हैं कि आखिर क्या हरक सिंह रावत 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ रहेंगे या फिर कोई अलग कदम उठाएंगे,क्योंकि उत्तराखंड में समय-समय पर हरक सिंह रावत की कांग्रेस ज्वाइन करने पर भी चर्चाएं गर्म होती रही है,वही कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के भाजपा ज्वाइन करने के बाद इन चर्चाओं को बल आज तब मिला जब आज हरक सिंह रावत विधायक उमेश शर्मा काऊ एक ही प्लेन से दिल्ली पहुंचे और उनके साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी मौजूद थे। कई मीडिया प्रतिष्ठानों के द्वारा जहां हरक सिंह और उमेश शर्मा काऊ कि कांग्रेस ज्वाइन करने को लेकर खबरें में चलाई गई। वही इन खबरों का खंडन तब मीडिया प्रतिष्ठानों को करना पड़ा जब उमेश शर्मा काऊ और हरक सिंह रावत बीजेपी मुख्यालय पहुंचे और जेपी नड्डा से मुलाकात करने लगे।

जेपी नड्डा से हुई मुलाकात

दिल्ली में आज कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ की जेपी नड्डा से करीब डेढ़ घंटे मुलाकात हुई है,वहीं अनिल बलूनी भी इस दौरान मौजूद रहे वहीं बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम से भी हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ ने मुलाकात की है, जेपी नड्डा और दुष्यंत गौतम से मुलाकात को लेकर उमेश शर्मा काऊ का कहना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में वापसी हो इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी से चर्चा हुई है।

मुलाकात के बड़े मायने

दिल्ली में आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात की कई मायने उत्तराखंड भाजपा के लिए भी बताए जा रहे हैं,2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बताया जा रहा है,कि हरक सिंह रावत को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती हैं,ताकि जो कयास उत्तराखंड में लगातार लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के जो बागी विधायक 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे वह कांग्रेस में जा सकते हैं, इसलिए हरक सिंह रावत को जिम्मेदारी देकर भाजपा उन कयासों को जहां पूरी तरीके से खत्म करना चाहती हैं,वही हरीश रावत के खिलाफ हरक सिंह रावत को बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर भाजपा सीधे तौर से कांग्रेस के लिए मुसीबतें खड़ा करना चाहती है, क्योंकि हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच चुनाव को उलझा कर भाजपा जीत हासिल करना चाहती है,ताकि चुनाव हरक सिंह रावत और हरीश रावत के इर्द-गिर्द घूमता रहें, क्योंकि दोनों महारथी एक दूसरे पर पलटवार करने में माहिर और भाजपा में हरीश रावत को बयानों के जरिए कोई अगर सही से मात दे सकता है तो वह हरक सिंह ही एकमात्र चेहरा हैं। इसलिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की जो मुलाकात आज भाजपा के बड़े नेताओं से दिल्ली में हुई है उसके यही मायने निकाले जा रहे हैं की हरक सिंह रावत को 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। जिसके तहत हरक सिंह रावत को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष भी भाजपा बना सकती है। हरक सिंह को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष भाजपा बनाती है तो गढ़वाल कुमाऊं और तराई का समीकरण भी भाजपा के लिए फ़ीट बैठा जाएगा, जिसके तहत कुमाऊं से मुख्यमंत्री धामी, गढ़वाल से हरक सिंह रावत चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष और तराई से मदन कौशिक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जोड़ी 2022 के विधानसभा चुनाव में सबके सामने हो सकती है ।

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