सीएम धामी के आदेश का दिखा असर,लेकिन उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमैट्रिक मशीने पड़ गई कम

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने दूसरे कार्यकाल में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाए हुए हैं, सीएम धामी ने सचिवालय से लेकर प्रदेशभर के समस्त दफ्तरों में बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है, जिसके चलते कर्मचारियों में घबराहट भी आंकी जा रही है, लेकिन सीएम धामी का आदेश पहले दिन खासकर सचिवालय में दम फूलता हुआ नजर आया, सचिवालय में जहां कर्मचारी और अधिकारी 9:30 बजे से पहले ही उपस्थिति दर्ज करने के लिए पहुंच गए, लेकिन सचिवालय में बायोमेट्रिक मशीनों की कमी के कारण तय समय 10:00 बजे के बाद भी उपस्थिति दर्ज की जाती रही,खास बात ये है आईएएस और पीसीएस अधिकारी भी डेक्सटॉप के माध्यम से डेलस्टोपो मशीन से अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि उपस्थिति दर्ज करने के लिए कर्मचारी लाइनों में लगने के बाद भी 10:00 बजे से 10:30 बजे तक अपने नंबर का इंतजार करते रहे इसलिए वह सचिवालय प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द ही अनु भागों में भी उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाए, जिससे कर्मचारियों को कोई दिक्कत ना हो साथ ही आला अफसरों के लिए भी उपस्थिति दर्ज करने के लिए अनिवार्यता का पैमाना अपनाया जाए।

 50 प्रतिशत उपस्थिति हो पाई दर्ज

सचिवालय में बायोमैट्रिक मशीनों की कमी को लेकर सचिवालय प्रशासन सचिव विनोद सुमन ने हालांकि कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया,लेकिन ऑफ कैमरे जानकारी देते हुए कहा कि जल्द बायोमेट्रिक मशीनों की कमी को दूर कर दिया जाएगा । जहां तक पहले दिन की बात है तो पहले दिन 1200 सौ से ज्यादा कर्मचारियों में से 600 की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज हुई है। वही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो शक्ति कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर दिखा रहे हैं वह बेहद जरूरी है । क्योंकि जब तक अधिकारियों और कर्मचारियों में डर का माहौल नहीं होगा तब तक विकास के कार्य तेजी से आगे नहीं बढ़ेंगे।

सुशान की तरफ बढ़ेगा उत्तराखंड ?

आम जनता को दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों का इंतजार 10:00 बजे के बाद ना करना पड़े सीएम पुष्कर सिंह धामी का बायोमेट्रिक से उपस्थित लगाने के पीछे जहां यह वजह भी मानी जा रही है,वहीं आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के साथ कर्मचारियों की उपस्थिति के बारे में पूरी जानकारी रहे यह भी दूसरी वजह मानी जा रही है। यहां तक कि जो आदेश जारी किया गया है। उसके मुताबिक यदि कोई बायोमेट्रिक उपस्थिति में लापरवाही पाई जाती है तो फिर कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्यवाही के भी कड़े संकेत दिए गए हैं । ऐसे में देखना ये होगा कि आखिरकार जिस सुशासन की बात सीएम पुष्कर सिंह धामी कर रहे हैं क्या वह सुशासन बायोमेट्रिक उपस्थिति के बाद देखने को मिलेगा।

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