वन्यजीव बोर्ड की बैठक लंबे समय होने के चलते सीएम ने जताई नाराजगी,बैठक में कई फैसलों पर लगी मुहर

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढवाली सभागार में उत्तराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 17 वींं बैठक आयोजित की गई। काफी लम्बे समय से बोर्ड की बैठक न होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बोर्ड की बैठक नियमित तौर पर समय से आयोजित की जाएं।

सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर काम करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  देश में नया वर्क कल्चर लाए हैं। हमें राज्य में जनहित के उद्देश्य से कार्य संस्कृति में सुधार लाना है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठको में स्वागत संबंधी औपचारिकताओं को न करते हुए सीधे बैठक के एजेंडा पर चर्चा की जाए। इससे चर्चा के लिये अधिक समय मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठको में केवल बातचीत ही नहीं बल्कि समाधान भी निकले।  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और प्रकृति संरक्षण बहुत जरूरी है, साथ ही राज्य का विकास भी जरूरी है। हमें इकोलोजी और ईकोनोमी मे समन्वय बनाकर चलना है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने पर प्राथमिकता से काम करना है। खासतौर पर खेती को बंदरों से बचाने के लिये यथासम्भव तकनीक का उपयोग किया जाए। इसका कोई स्थायी समाधान खोजा जाए। हरेला पर्व पर विशेष तौर पर अधिक से अधिक फलदार पेड़ लगाए जाएं। हरेला पर्व केवल वनविभाग तक सीमित न रहे, इसे जन जन का उत्सव बनाना है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर अनुमोदन के बाद जो भी प्रस्ताव केंद्र स्तर पर जाते हैं, उनका लगातार फॉलोअप सुनिश्चित किया जाए। इसके लिये जरूरत होने पर अधिकारी विशेष को नियुक्त किया जा सकता है।  उत्तराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सोनप्रयाग से श्री केदारनाथ धाम के लिये रोपवे, गोविंदघाट से हेमकुण्ट साहिब रोपवे सहित विभिन्न प्रकरणों के वन भूमि हस्तांतरणों पर विचार विमर्श किया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन उत्कृष्टता केंद्र और वन्यजीव स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र की प्रदेश में स्थापना की जाएगी। स्थानीय समुदायों के सहयोग से प्राइमरी रेस्पोंस टीमों का गठन किया जाएगा जो कि वन व वन्य जीव संरक्षण के साथ ही वनाग्नि को रोकने पर भी काम करेंगी। टाईगर रिजर्व, संरक्षित क्षेत्र व अन्य पर्यटन वन क्षेत्रों में पर्यटकों के बरताव के संबंध में गाईडलाईन बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसमें सभी स्टेकहोल्डर्स की सलाह लेने के निर्देश दिये। 

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक  रेणु बिष्ट, अनिल नौटियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, पीसीसीएफ विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख सचिव  आरके सुधांशु, एल फैनई, सचिव दिलीप जावलकर, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ पराग मधुकर धकाते सहित उत्तराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।    

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!