शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश खत्म करने पर असमंजस जारी,शिक्षक संगठन की शिक्षा मंत्री से अवकाश खत्म करने पर बड़ी मांग

देहरादून। सरकारी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश को लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कि आखिर शिक्षा विभाग के द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के देखते हुए शीतकालीन अवकाश घोषित करता है या नहीं, क्योंकि शिक्षा सचिव के द्वारा कुछ दिनों पहले बयान दिया गया था कि कोविड-19 के वजह से छात्रों का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई शीतकालीन अवकाश को खत्म कर भरा जा सकता है। लेकिन शिक्षक संगठन इसके विरोध में उतर गए हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि अवकाश शिक्षकों अधिकार है इसलिए शीतकालीन अवकाश घोषित किया जाए। हालांकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षकों से राष्ट्रहित में अपील करते हुए कहा है कि शिक्षक चाहें तो छात्र हितों को देखते हुए छात्रों को शीतकालीन अवकाश में पढ़ा सकते हैं। लेकिन इन सबके बीच राजकीय शिक्षक संगठन ने कई तरह की दिक्कतें शिक्षा मंत्री को अवगत करा दी है। राजकीय शिक्षक संगठन का कहना है कि प्रदेश के सीमांत जनपदों में कई विकास खंडों में कड़ाके की ठंड से हिमपात आरंभ हो गया है, इसलिए सीमांत जनपद में विद्यालयों को खोलने में अभी से दिक्कतें आ रही हैं । साथ ही कोविड-19 के कारण विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति अभिभावकों की सहमति पर की गई, लेकिन इस वजह से विद्यालय में सामान्य परिस्थितियों में ही छात्र संख्या अत्यधिक न्यू है, जो कि शीतकालीन में और भी कम होने की संभावना है। लेकिन सबसे खास और अहम बात शिक्षक संगठन के द्वारा ये कही गयी है कि शीतकाल के दौरान छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की संभावनाओं को देखते हुए अवकाश में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा सकती है। लेकिन साथ ही शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार इन उपायों को भी दरकिनार करती है तो शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश खत्म करने पर शिक्षकों को उपवार्जित अवकाश दिया जाए।

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