कांग्रेस ने मांगा उद्यान मंत्री का इस्तीफा,भाजपा की तरफ से भी आई प्रतिक्रिया

देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए उद्यान मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा है, महरा ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए आखिर क्यों इतनी बेताब है समझ से परे है क्योंकि उद्यान विभाग में हुए अरबों के घोटाले का खुलासा कई समय पूर्व होने के बाद भी पहले सरकार इसमें लीपापोती करती रही फिर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जब सरकार को फटकार लगाते हुए इस प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया तो सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बजाय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गयी जहाँ उसे मुंह की खानी पड़ी क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण चाहती है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और भ्रष्टाचारियों को सरकार द्वारा बचाने का प्रयास भी खेदजनक है ।।

 

 

माहरा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश कि उद्यान विभाग की जाँच सीबीआई ही करेगी से स्पष्ट है कि इसमें सरकार का भी योगदान है और अब नैतिकता के आधार पर उद्यान मंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि जाँच में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो सके । 

 

 सर्वोच्च न्यायालय से फटकार खाने के बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से कुछ स्पष्टता चाहती है।

1- जब सरकार को शिकायत कर्ता ने शपथपत्र सहित शिकायती पत्र दिया था तो सरकार ने जाँच क्यों नहीं बिठाई ?

2- जब उच्च न्यायालय में पीआईएल हुई तो विभागीय मंत्री जी द्वारा जो जाँच बिठाई गयी और 15 दिन का समय दिया गया उसमें क्या हुआ उस जाँच में कौन कौन दोषी पाए गए उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी अथवा वो जाँच आज तक जनता के सामने क्यों नहीं आई ?

3- अगर सरकार पाक साफ थी तो यहाँ प्रदेश के विभागीय अधिकारीयों को पदोन्नति देकर निदेशक बनाने के बजाय हिमाचल प्रदेश में आरोपी अधिकारी को लाकर फिर से सेवा विस्तार क्यों देती रही ?

4- यदि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाकई में है तो उच्च न्यायालय के सीबीआई जाँच के आदेश को रुकवाने माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्यों गयी कहीं दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है ?

5- यदि सरकार वाकई में भ्रष्टाचार में सम्मिलित नहीं है तो फिर  उच्च न्यायालय के आदेश में उनके विधायक का नाम आने के बाद भी उनके खिलाफ कोई निर्णय पार्टी ने क्यों नहीं लिया ?

 

6- यदि सरकार पाक साफ थी तो प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया ?

 

हम उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए उन्हें धन्यवाद देते हैं कि आम आदमी का माननीय न्यायालय पर विश्वास बना रहे इसलिए उचित होगा की माननीय सर्वोच्च न्यायालय अपने अथवा उच्च न्यायालय के किसी एक सिटिंग न्यायमूर्ति महोदय की देख रेख में इस प्रकरण की सीबीआई जाँच कराये क्योंकि इसमें सत्ता पक्ष के विधायक का नाम भी है तो कहीं सरकार अपने दिल्ली दरबार से सीबीआई पर किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश न कर सके।

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि उद्यान के मामले मे उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सम्मान है। सरकार ने मामले मे एसआईटी का गठन कर दिया था और मंशा दोषियों को कानून के दायरे मे लाने की थी । सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ हर तरह से जांच को तत्पर रही है। एसआईटी ने भर्ती घोटाले और जमीनों की धोखाधड़ी से संबंधित कई मामलों मे आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा है । और कांग्रेस ने भर्ती घोटालों को संरक्षण देने का कार्य किया है । सरकार उद्यान मामले मे भी निष्पक्ष जांच की पक्षधर रही है और इसी कारण एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी ने जाँच भी शुरू कर दिया था ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!