कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम को भेजा पत्र,कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार को बताया फेल,कठोर कदम उठाने की मांग
देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र भेजकर राज्य में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के ठोस उपायों को अपनाने के लिए कहां है। प्रीतम सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में कोरोनावायरस ने कहर बरपा रखा है। कोरोना वायरस से लड़ाई हेतु मुख्यमंत्री के द्वारा 24 तारीख को सर्वदलीय बैठक आहूत की गई थी। सभी राजनीतिक दलों के द्वारा एक स्वर से कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। कोरोना वायरस चेन तोड़ने के लिए सरकार को जो भी कठोर कदम उठाएगी विपक्ष में सहयोग करेगा। सरकार के पास प्रदेश में फैली इस महामारी की विस्तृत जानकारी वर्तमान विशेषज्ञ भी हैं,लेकिन अभी तक सरकार इस कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए जो कार्य किया जाना था सरकार उसमें पूरी तरह विफल साबित हुई है। प्रदेश में लगातार प्रतिदिन 5000 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही मृत्यु दर भी देश में सबसे ज्यादा हो रही है, जो बहुत चिंतनीय विषय है सर्वदलीय बैठक में सरकार को निम्न सुझाव दिए गए थे। कोरोना की महामारी के चलते मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है इसको देखते हुए अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड,आईसीयू बेड वह वेंटिलेटर युक्त बेड की बहुत कमी है, सरकार तत्काल प्रभाव से इसकी व्यवस्था करें ताकि मरीजों को एवं उनके परिजनों को राहत मिल सके। कोरोना की इस महामारी में रेडीवीशिविर इंजेक्शन की नितांत आवश्यकता है,इसकी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से की जाए। इंजेक्शनों की जो कालाबाजारी हो रही है, उस पर रोक लगाकर कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बाहर से आने वाले लोगों की व्यापक स्तर पर टेस्टिंग व उनकी व्यवस्था राज्य की प्रवेश द्वारों पर की जाए ताकि संक्रमण राज्य के अंदर ज्यादा न फैले। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कोई व्यवस्था न होने के कारण कोरोना संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता जा रहा है। टेस्टिंग की व्यवस्था मजबूत की जाए। ज्यादा टेस्टिंग सेंटर खोलकर टेस्टिंग का दायरा बढ़ाते हुए कम से कम 24 घंटे में रिपोर्ट उपलब्ध हो सके। ताकि संक्रमण ज्यादा ना पहले उस पर नियंत्रण हो सके । उत्तराखंड प्रदेशवासियों जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष की है 1 मई से टीकाकरण होना था। जो अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है। टीकाकरण को तत्काल प्रभाव से प्रारंभ किया जाए ताकि कोरोना की महामारी पर नियंत्रण किया जा सके। सरकार द्वारा कोरोना की महामारी को रोकने के लिए जो व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए थे। वह कहीं होते हुए नहीं दिखाई दे रहे, कालाबाजारी पर नियंत्रण न होने के कारण कोरोना के उपयोग में ली जाने वाली हर चीज बाजार से गायब है, और अगर कोई चीज उपलब्ध हो रही है तो वह गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। सरकार व मंत्रीगण आए दिन कह रहे हैं कि किसी प्रकार कोई अभाव नहीं है। जबकि रुड़की की घटना जहां एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 5 मरीजों की दर्दनाक मृत्यु ने सरकार के दावों की पोल पोल खोलने का काम किया है। कांग्रेस रुड़की में हुई घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करती है। सरकार कोरोना की महामारी से लड़ने में पूरी तरह विफल साबित हुई है तथा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार तत्काल व्यापक जनहित के मद्देनजर कठोर कदम उठाएं।