कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र,प्रवासी उत्तराखंड वासियों को लेकर जाहिर की चिंता

देहरादून । उत्तराखंड  कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर प्रवासी उत्तराखंडयों की चिंता जाहिर की है क्या कुछ बातें जोत सिंह बिष्ट ने अपने पत्र में कहिए वह इस प्रकार है ।

 

    “प्रधानमंत्री ने लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दी है। कोरोना से बचाव हेतु लाक डाउन जीवन रक्षक कदम है। जिसका सब लोग पूरी जिम्मेदारी से पालन करेंगे। हम सरकार के हर उचित फैसले के साथ हैं। उत्तराखंड के लाखों लोग रोजगार के लिए विदेशों व अन्य राज्यों में प्रवास करते हैं। यह अधिकांश लोग गैर सरकारी या अस्थाई नौकरियों पर अल्प वेतनभोगी किराए पर या सेवा प्रदाता के संस्थान में रहते हैं। देश में पहले चरण में लॉक डाउन की घोषणा के साथ देशभर के सभी कारोबारी संस्थान बंद होने से उत्तराखंड के भाई भी बेरोजगार हो गए। कुछ लोग तो वापस उत्तराखंड में अपने गांव पहुंच गए, लेकिन अधिकांश लोग आज भी बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं, परेशानी में हैं। उत्तराखंड के प्रवासी भाई जो मकान किराया दे पाने के कारण 14 अप्रैल के बाद बेघर होकर सड़कों पर होंगे। राशन कार्ड के अभाव या पैसे की तंगी के कारण 14 अप्रैल के बाद भूखा रहने को मजबूर होंगे। इन परेशानियों के कारण यह लोग अपने प्रवास स्थल से वापस अपने घर उत्तराखंड आना चाहते हैं, लेकिन लॉक डाउन के कारण नहीं आ पा रहे हैं।

 

अधिकारियों का रवैया गैर जिम्मेदाराना

राज्य सरकार ने प्रवासी भाइयों की समस्याओं के समाधान के लिए जो सिस्टम तैयार किया है, तथा जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है, वह पूरी तरह से गैरजिम्मेदार साबित हो रहा है। पहले तो अधकारी फोन नहीं उठा रहे हैं, और यदि भूले भटके कोई फोन उठा भी ले तो समस्या का कोई सम्यक समाधान देने के बजाय टहला बहला रहे हैं। मैं स्वयं इसको भुगत चुका हूँ। यदि सिस्टम कारगर व परिणामदायक होता तो देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए संलग्न सूची में दर्ज उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के 630 प्रवासी भाइयों को मदद के लिए मुझसे या मुझ जैसे और लोगों से संपर्क साधने की आवश्यकता नहीं पड़ती। राज्य की जनता की समस्याओं का समाधान चाहे वह राज्य के अंदर हो चाहे प्रवासी हो राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, इस परीक्षा की घड़ी में सरकार को उस पर खरा उतर कर दिखाना चाहिए।

6 दिन के भीतर लिष्ट की जाए तैयार

प्रधानमंत्री  के निर्देशानुसार आज से लेकर 20 अप्रैल तक लॉकडाउन में सख्ती बरती जाएगी, उसके बाद स्थितियों का आकलन करने के उपरांत कुछ सेक्टर में ढील देने की बात कही गई है। इसलिए इन 6 दिनों की अवधि में राज्य सरकार को चाहिए कि राज्य से बाहर फंसे प्रवासी उत्तराखंड वासियों की संपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए ग्राम पंचायतों का सहयोग लेकर वास्तविक सूची तैयार कराई जाए। इस सूची में वह लोग जो संकट में है, जिनको रहने की सुविधा नहीं है, जिनको राशन या भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या जिनके पास घर आने के लिए किराया नहीं है, इन सब का सही आकलन कर के 20 अप्रैल के बाद चरणबद्ध तरीके से उन्हें राज्य में लाकर संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत निरोग लोगों को उनके घर जाने दिया जाए, तथा संक्रमित लोगों का समुचित इलाज कराया जाए। “

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