नई शिक्षा नीति की जमकर तारीफ कर गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री,देशभक्ति का पाठ्यक्रम छात्रों का पढ़ाया जाए,भारत बन सकता विश्व गुरु

देहरादून
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का प्रिंसिफल कॉन्क्लेव में बयान

देवभूमि में आकर प्रिंसिफल के साथ बात करने का सौभाग्य मिला है

देश के लिए हर व्यक्ति सपना देखता है

लेकिन जब तक शिक्षा बेहतर नहीं होगी तब तक सपने साकार नहीं होते

कल का हिंदुस्तान इस बात पर निर्भर करेगा कि कैसे स्कूल देश मे है और कैसे नेता देश का प्रतिनिधित्व कर रहे है

कोरोना की वैक्सीन आ जायेगी,लेकिन छात्रों का जो नुकसान हुआ है उसकी वैक्सीन नहीं आएगी

प्रिंसिफल को एजूकेशन कैसी देनी है ये एक शिक्षा मंत्री मंत्र नहीं बता सकता है

शिक्षकों को ही छात्रों को पढ़ने के मंत्र देने होते है

एक नेता के रूप में अभिभावक क्या सोचते है इसको लागू करने के बारे में शिक्षा मंत्री के रूप में वह सोचते है

देश भर और दुनिया के शिक्षकों का धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने लॉक डाउन के बाद सब कुछ बन्द था तब भी शिक्षकों ने पढ़ाना नहीं छोड़ा

जो नुकसान कोविड की वजह से छात्रों का हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी इसको लेकर सुझाव मांगेगे है

नई शिक्षा पर बोले मनीष सिसोदिया

नई शिक्षा नीति की मनीष सिसौदिया ने की तारीफ

कहा नई शिक्षा नीति बेहतर,लेकिन सभी पहलुओं को लागू किया जाएगा तो और भी बेहतर होगा

दिल्ली में शिक्षा बेहतर काम हुआ है इसके लिए घमंड नहीं करते है

शिक्षा के क्षेत्र में पहले से काम हो रहा है

लेकिन दिल्ली में हमने प्राथमिकता स्कूलों को बेहतर करने और बेहतर शिक्षा देने के लिए शुरुआत की

पिछले 5 सालों में दिल्ली सरकार 25 प्रतिशत बजट खर्च कर रही है

दिल्ली में जिस स्कूल में हम 8 घण्टे बच्चों को शिक्षा देने और शिक्षकों को पढ़ाने बुलाते थे 5 साल पहले उन स्कूलों में शौचालय तक नही थे

नई शिक्षा नीति में चाइल्ड एजूकेशन को मान्यता दी गयी है ये बढ़िया बात है

नई शिक्षा नीति में स्किल पर फोकस किया गया है जो एक अच्छा पहलू है

जो नेता अच्छी सुविधा शिक्षा की प्रदान कर देगा वह अच्छा शिक्षा मंत्री है

अच्छी शिक्षा शिक्षकों ही देनी होती है

नई शिक्षा नीति में माइंड सेट के पहलू को सही से लागू कर दिया तो बेहतर परिणाम शिक्षा के देखने को मिलेंगे

देश भक्ति का पाठ्यक्रम लागू करना चाहिए

तभी देश भक्ति का भाव से देश की सेवा हो सकेगी

और जो भ्रष्टाचारी देश के साथ अन्याय कर रहे उनके बच्चे उनकी आंखों को खोलने का काम करें

मेरा एक सपना है कि जिस तरह भारत के लोग विदेशों में पढ़ने के लिए भेजते है

ठीक उसी तरह विदेशों के लोग भारत मे अपने बच्चे पढ़ने भेजे ये सपना साकार करने चाहता हूँ

हम मिलकर इस सपने को साकार कर सकते है विदेशों के लोग उत्तराखंड में अपने बच्चे पढ़ने के लिए भेजे

शिक्षा के क्षेत्र भारत विश्व गुरु बन सकता है यदि सब मिलकर काम करे

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