पंचायती राज दिवस पर विभागीय मंत्री अरविंद पांडेय का अपमान,क्या सीएम लेंगे संज्ञान,क्या होगी अधिकारियों पर करवाई

देहरादून। 24 अप्रैल को मनाए गए पंचायती राज दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय का पंचायती राज विभाग के द्वारा घोर अपमान किया गया है, और ये अपमान अभी भी जारी, दरअसल पंचायती राज विभाग के द्वारा पंचायती राज दिवस पर एक विज्ञापन तमाम अखबारों के साथ कुछ पोर्टल को भी जारी किया गया, जिसमें अरविंद पांडे की फोटो न होना उनके अपमान से जोड़कर दिखा जा रहा है,और बात सही भी जिस विभाग के द्वारा कोई विज्ञापन जारी हो रहा है उस विज्ञापन में उस विभाग के मंत्री की फोटो न हो तो सीधी तौर से कहां जा सकता है कि यह मंत्री का अपमान,यह अपमान किस अधिकारी के द्वारा किया गया है यह तो जांच का विषय है,लेकिन पंचायती राज दिवस की अवसर पर विज्ञापन में पंचायती राजमंत्री की फोटो न होना पंचायती राज विभाग की एक बड़ी लापरवाही भी उजागर करता है, क्या इस लापरवाही के लिए अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उत्तराखंड में जहां मुख्यमंत्री का चेहरा बदल गया है और चेहरा बदलने की साथ ही यह बात भी कहीं जा रही थी कि मंत्रियों की अनदेखी नहीं कि जाएगी,क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते उनके ही मंत्रियों ने अधिकारियों के द्वारा की जारी अनदेखी का कई बार हाईकमान के सामने भी मुद्दा उठाया था,और मंत्रियों की मुख्यमंत्री से नाराजगी भी मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत की छुट्टी की एक वजह मानी गयी थी,लेकिन यही कहानी अब सीएम तीरथ के रहते दोहराई जा रही है, जहां विभाग विज्ञापन जारी कर रहा है और मंत्री की फोटो को लगाना भूल जा रहा या जबरदस्ती मंत्री की फोटो नहीं लगाई जा रही,उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा बदले जाने के साथ ही मुख्य सचिव के द्वारा जनप्रतिनिधियों को सम्मान देने के लिए एक आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन उस आदेश को भी एक तरफ से अधिकारियों ने ठेंगा दिखा दिया है,जो विभागीय मंत्री की अनदेखी अधिकारी कर रहे है,विज्ञापन की खास बात यह है विज्ञापन में केवल मुख्यमंत्री की ही फोटो नहीं लगी, बल्कि 10 पंचायत प्रतिनिधियों की भी फोटो लगी है जिनको प्रधानमंत्री के द्वारा पंचायती राज दिवस पर सम्मानित किया गया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जो विज्ञापन केवल फोटो से भरा पड़ा उसमे पंचायती राज मंत्री की फोटो क्यों नहीं लगाई गई,यह सीधे तौर से पंचायती राज मंत्री की अनदेखी है,ऐसे में क्या इसका संज्ञान सरकार लेगी ये देखने वाली बात होगी,और क्या पंचायती राज मंत्री इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे ये भी देखने वाली बात होगी,खास बात ये है कि पंचायतीराज विभाग के द्वारा यह विज्ञापन अभी भी प्रसारित किया जा रहा। यह वह विज्ञापन है जिसमें पंचायतीराज मंत्री  अरविंद पांडे की फोटो नहीं लगाई गई है

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