सूर्यधार झील के लोकार्पण कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे विभागीय मंत्री,सतपाल महाराज ने बताई बड़ी वजह

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील को कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकापर्ण कर दिया है। सूर्यधार झील के लोकापर्ण होने से इस झील से 30 हजार की आबादी को पानी मिलेगा। 18 गांव को जहां इस झील से सिंचाई के लिए पानी मिलेगा वहीं 19 गांवो को पीने का पानी भी मिलेगा। सिंचाई विभाग के द्धारा इस झील का बनाया गया है। झील के लोकापर्ण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया और ये भी संदेश दिया गया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जो कहते है वह करते है,और वह भी तय समय के भीतर विकास कार्यों को पूरा करते है। सूर्यधार झील के लोकपर्ण कार्यक्रम में जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट के पूरे होने की सभी सरहाना कर रहे थे,वहीं कुछ लोग इस बात की भी चर्चा कर रहे थे कि सिचाई विभाग के इस बड़े प्रोजेक्ट कार्यक्रम से सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज क्यों नदारद है। क्योंकि झील निर्माण के कार्यांे पर जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद नजर बनाएं हुए थे,वहीं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज में खुद निर्माण कार्यांे की रेख देख कर रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ड्रीम प्रोजेक्ट लोकापर्ण कार्यक्रम में महाराज का न होने को लेेकर कई सवाल भी उठा रहे थे। लेकिन जब इसी सवाल का जवाब ढूढ़ने के लिए हमने सतपात महाराज से सम्पर्क किया तो पता चला कि हैलीकाॅप्टर में तकनीकि खामी के चलते महाराज लोकापर्ण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएं। महाराज का कहना है कि उन्हे सूर्यधार झील के लोकापर्ण कार्यक्रम में पहुंचना था, लेकिन वह चमोली जिले में मौजूद थे,लिहाजा हैलीकाॅप्टर के ही माध्यम से वह पहंुच सकते थे,वह हैलीकाॅप्टर  के जरिए कार्यक्रम में पहुंचने के लिए भी तैयार थे,लेकिन हैलीकाॅप्टर में तकनीकी खामी की वजह से देहरादून से उड़ान नहीं भरपाया और वक कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाएं।

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