धाकड़ धामी के फैसले ने सबको चौंकाया,प्रदेश की जनता में धामी के फैसले की सरहाना,विपक्ष ने भी फैसले की सराहना की

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसले ने आज प्रदेश की जनता को चौंकाने का काम कर दिया। दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेते हैं, जो चर्चाओं का विषय बन जाते हैं, खासकर भ्रष्टाचार पर प्रहार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसले चौकाने वाले ही होते हैं। जब से उत्तराखंड की कमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में आई है तब से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई चौंकाने वाले फैसले लिए। लेकिन आज जो निर्णय उन्होंने लिया और जिस निर्णय के बाद जो कार्यवाही देखने को उत्तराखंड में मिली उससे प्रदेश की जनता यही चर्चा कर रही है कि आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वह कर दिखाया जो उत्तराखंड के कई दिग्गज नेता जो मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं वह नहीं कर पाए। दरअसल 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के परीक्षा में धांधली का मामला सामने तो 2016 में ही आ गया था । लेकिन उसके बाद कोई भी कार्रवाई 6 वर्षों में सरकारों के लचर रवैए के चलते नहीं हो पाई। लेकिन भ्रष्टाचार पर जीरो टायलेन्स का जो नारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया है और उत्तराखंड के युवाओं को न्याय दिलाने का जो वादा उन्होंने किया है लगता है उस पर वह खरा उतर रहे हैं।

तीन गिरफ़्तारियों के फैसले ने सबको चौंकाया

2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पेपर मामले में गड़बड़ी की पुष्टि जहां बहुत पहले हो चुकी थी,वही दोषियों पर बड़ी कार्रवाई आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हुई, दरअसल जिन की जिम्मेदारी उत्तराखंड के युवाओं के साथ पारदर्शी परीक्षा कराने की थी उन्होंने परीक्षा में धांधली की ऐसी पटकथा लिखी जो शायद इतिहास में पहली बार लिखी गई हो, 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की जो परीक्षा हुई थी उसके ओएमआर शीट की स्क्रीनिंग और अंतिम परीक्षा परिणाम आयोग के तत्कालीन सचिव मनोहर कन्याल के आवास पर हुआ जो अपने आप में बड़ा संदेह पैदा करता है कि आखिर इतनी बड़ी गलती करने के बाद कार्रवाई क्यों नहीं दी गई जो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रवैए के चलते हुई। दरअसल आज एसटीएफ के द्वारा 2016 में ukssc के द्वारा कराई गई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा में धांधली को लेकर uksssc के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत,सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया गया है। जैसे ही प्रदेश की जनता को तीनों की गिरफ्तारी की खबर मिली, प्रदेश की जनता चौक गई कि आखिरकार जिसकी भनक तक नहीं लग पाई ऐसे में तीन बड़ी गिरफ्तारी कैसे सम्भव है। लेकिन मीडिया के द्वारा प्रसारित खबरों के बाद जनता को भी आभास हो गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो निर्णय लिया है वह वास्तव में इतिहास में याद किया जाएगा,कि आखिर अगर यदि किसी भी आयोग के अध्यक्ष सचिव और परीक्षा नियंत्रक, परीक्षा में धांधली करवाते हैं तो उन्हें सालों बाद सलाखों के पीछे भी पहुंचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले के बाद उन अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों की भी हवाई गुल हो गई हैं जिन्होंने प्रदेश में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का काम किया खासकर युवाओं को रोजगार देने के मामले में जिन्होंने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है उनकी नींद हराम होना तय है क्योंकि अगर यदि जांच की आंच उन तक भी अब पहुंचेगी तो वह भी सलाखों के पीछे जाने से बचेंगे नहीं। भ्रष्टाचारियों पर क्या कुछ कार्यवाही या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है वह भी आप पढ़ सकते हैं।

“करप्शन” पर धामी का “एक्शन”

8 अप्रैल 2022 –

उत्तकराखंड को भ्रष्टााचार मुक्त करने की दिशा में मुख्यरमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी पहल की। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने को आम जनता के लिए 1064 वेब एप लांच किया गया। यदि कोई भी व्यक्ति रिश्वत घूस आदि लेने की मांग करता है तो 1064 नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है और दोषी पर समयबद्ध कार्रवाई होती है।

18 मई 2022 –

देहरादून आरटीओ दफ्तर में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छापा मारा। यहां कई अफसर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। खुद आरटीओ दिनेश पठोई के गैरहाजिर मिलने पर सीएम ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वहीं गैर हाजिर कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए। हालांकि, जांच के बाद संतोषजनक जवाब मिलने पर पठोई को बहाल कर दिया गया।

22 जून 2022 –

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित अधिकारी राम विलास यादव को निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं, निलंबन से कुछ ही देर बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।

22 जुलाई 2022 –

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर 22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड मूसा समेत 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

8 अगस्त 2022 –

पूर्व आईएफएस किशनचंद व अन्य अधिकारियों पर मुकदमे की अनुमति दी। कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी बनने में अनियमितता का मामला सामने आया था। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर शासन से मुकदमे की अनुमति मांगी थी।

8 अक्टूबर 2022 –

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक और करारा वार किया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर परीक्षा घोटालों की जांच कर रही एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत (पूर्व आईएफएस), सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है। आरबीएस रावत उत्तराखंड में वन विभाग के हेड रह चुके हैं। यह कार्रवाई एसटीएफ ने UKSSSC द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद की है।

विपक्ष ने भी की फैसले की सराहना

वही आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा uksssc के द्वारा 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा में धांधली के मामले में आयोग की पूर्व अध्यक्ष सचिव और परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसले का स्वागत किया,लेकिन साथ ही सवाल भी खड़े किए हैं कि आखिरकार पूर्व अध्यक्ष एस राजू की गिरफ्तारी के साथ अन्य बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी कब होगी, जिन पर 2021 में हुए परीक्षाओं के साथ कई अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक मामले सवाल उठ रहे हैं।

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