उत्तराखंड के मुद्दों पर निशंक और धन सिंह के बीच चर्चा,निशंक ने कार्यों में देरी को लेकर जताई नारजगी

देहरादून: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उसके कार्यान्वयन, बालिकाओं के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और अन्य कई योजनाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की.

केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) पर चर्चा के साथ साथ उत्तराखंड में साइंस कॉलेज खोलने पर भी बात की. इसके अलावा माननीय मंत्री ने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी माँगा है.

इस प्रस्ताव में राज्य सरकार हिमालयी, पिछड़े, दूरस्थ और बीहड़ के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए अपनी तीन-चार प्राथमिकताएं दे सकती हैं जहाँ पर केंद्र सरकार बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा की सुविधाओं को प्रोजेक्ट के रूप शुरू करेगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट भविष्‍य में महिला सशक्‍तिकरण की दिशा में बेहतर समाधान प्रदान कर सकते हैं.

इसके अलावा महिलाओं के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में छात्रावास एवं पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध करवाने पर भी बातचीत हुई. केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से पौड़ी, टिहरी और श्रीनगर के तीनों कैम्‍पसों को विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग करने पर भी विचार विमर्श किया. इन तीनों में से एक को शोध, एक को जनरल और एक को महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्रित किया जाएगा.

डॉ निशंक ने इस पर भी चर्चा की कि किस प्रकार केंद्र सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों के सरकारी स्कूलों को पोषित कर सकती है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पीपीपी मोड में आईआईआईटी (IIIT) बनाने के साथ साथ एनआईटी श्रीनगर के कार्य में आ रही रुकावट पर भी चर्चा की और कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए. निशंक ने इसके कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “अगर उत्तरदायी संस्था ठीक से कार्य नहीं कर रही है तो किसी और संस्थान से इसके कार्य को पूरा करवाया जाए.”

डॉ निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री से कोटद्वार, गोपेश्‍वर, अल्‍मोड़ा के कॉलेजों को स्‍वायत्‍ता देने के लिए उनकी सूची बनाने कर उसकी सूचना यूजीसी को भी उपलबध करवाने को कहा और यह भी सुझाव मांगे कि निकट भविष्‍य में स्वायत्तता की दृष्‍टि से क्‍या किया जा सकता है.

डॉ निशंक ने राज्य में आईसर (IISER) और आईआईआईटी(IIIT) की स्थापना पर भी राज्य के शिक्षा मंत्री से सुझाव मांगे हैं और उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इसके लिए जल्द से जल्द शेष अनुदान जारी करेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!