लॉक डाउन के दौरान शिक्षक नेता की ज्वाइंग और नियमों के विपरीत प्रधानाचार्य का चार्ज सौंपे जाने का मामला पहुंचा कोर्ट

देहरादून। लाॅक डाउन के दौरान देहरादून के आशाकीय स्कूल अंबावती दून वैली इंटर काॅलेज खोलने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। जी हां आपको बतादे कि लाॅक डाउन के दौरान गुपचुप तरिके से शिक्षक नेता की ज्वाइंग कराने के लिए स्कूल खोला गया था। जिसको लेकर शिक्षा विभगा ने जांच भी बिठाई है,लेकिन शिक्षक नेता के पहुंच को देखते हुए,स्कूल की एक शिक्षिका ने मामले को कोर्ट में चुनौति दे दी है। दरसल पूरा मामला शिक्षक नेता को प्रधानाचार्य बनाने को लेकर सुर्खियों में आया था  जिसको लेकर लाॅक डाउन का उल्लंघन तो किया ही गया है,साथ ही नियमों के विपरित शिक्षक नेता को प्रधानाचार्य चार्ज सौंपा गया है। शिक्षक नेता की पहुंच इतनी भंयकर है पूरा मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद और मुख्यशिक्षा अधिकारी के द्धारा नियमों के तहत प्रधानाचार्य का चार्ज दूसरे शिक्षक को सौंपे जाने के बाद शिक्षक नेता भाजपा के सबसे सीनियर विधायक से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन कराकर शिक्षक नेता को प्रधानाचार्य बनाने के लिए दबाव बना रहा है,लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे है। लेकिन सवाल इस बात है कि आखिर नियमों के खिलाफ भाजपा के वह विधायक क्यों जा रहे है, जो शिक्षक नेता की पैरवी कर रहे है। क्या भाजपा विधायकों को नियम कानून का पता नहीं है,या फिर भाजपा विधायक शिक्षा विभाग से उपर भी खुद को मानते है। भाजपा विधायक ही नही भाजपा के पार्षद भी नियमों के विपरीत जाकर उस जांच को प्रभावित करने के लिए जांच ठीम की मौजूदगी में स्कूल 20 मई को मौजूद रहते है जो जांच टीम स्कूल में साक्ष्य को जुटाने पहुंची थी आखिर स्कूल में किन – किन कारण को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में सवाल इस बात का है कि प्रधानाचार्य के पद पर ऐसा क्या रखा है कि भाजपा के एक विधायक और एक पार्षद एक शिक्षक नेता को प्रधानाचार्य बनाना चाहते है। खैर अब मामला कोर्ट पहुंच गया है,ऐसे में देखना ये होगा कि आखिर जिस विवाद को शिक्षा विभाग नहीं सुलझा पाया कोर्ट उसमें क्या आदेश देता है।

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