देहरादून

शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान,अपने लाइजनिंग अफसर के खिलाफ दिए जांच के आदेश

देहरादून । उत्तरकाशी के जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक जितेंद्र सक्सेना के द्वारा शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के लाइजनिंग अफसर सुरेंद्र पाल सिंह नेगी पर लगाए गए अभद्र आरोपों की जांच के निर्देश शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा महानिदेशक आलोक कुमार पांडेय को दे दिए है । आपको बता दें कि कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री के उत्तरकाशी दौरे के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक जितेंद्र सक्सेना ने शिक्षा मंत्री के लाइजनिंग अवसर पर थप्पड़ मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था । जिस वजह से शिक्षा मंत्री के लाइजनिंग अफसर खूब सुर्खियां बटोर रहे थे । जिससे सवाल शिक्षा मंत्री पर भी उठे थे । लेकिन शिक्षा मंत्री ने उन सवालों का जवाब देते हुए, इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं । आपको बता दें कि अस्कोट से आराकोट तक के भ्रमण के दौरान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ भी गए थे । चिन्यालीसौड़ के दौरे के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने शिक्षा मंत्री के लाइजनिंग अवसर पर जूनियर बालिका हाईस्कूल स्कूल में एक शिक्षक को रखने के लिए कहा था,लेकिन नियमो का दवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसा करने माना कर दिया,जिस पर शिक्षा मंत्री के लाइजनिंग अफसर पर थप्पड़ मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा था। वहीं शिक्षा मंत्री ने इस में तत्काल जांच पूरी करने के निर्देश भी शिक्षा महानिदेशक को दिए है।

राजकीय उच्च प्रथामिक विद्यालय सिरोर से जुड़ा है मामला

दरअसल पूरा मामला राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरोर से जुड़ा हुआ है । जहां रमेश चंद्र पंचोली को यथावत बनाए रखने को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के लाइजनिंग अफसर कह रहे थे । लेकिन उनके बीच और जिला शिक्षा अधिकारी के बीच थप्पड़ मारने जैसे कोई घटनाक्रम हुआ या नहीं यह तो जांच का विषय है और जांच के बाद ही तथ्य सामने आएंगे । लेकिन ये बात सत्य कि जिस शिक्षक को शिक्षा मंत्री के लाइजनिंग अफसर ने राजकीय उच्च प्रथामिक विद्यालय सिरोर में बनाएं रखने के लिए कहा वह उसी स्कूल में है । ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आखिर उस कन्या विद्यालय में रमेश चंद्र पंचोली को किन नियमों पर पहले नियुक्ति दी गयी जिनको अब नियमों के तहत नियुक्ति नहीं दी जा सकती है । इस पूरे मामले में कुल मिलाकर सवाल ही सवाल उठ रहे हैं लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल है वह यही है कि आखिर थप्पड़ मारने की धमकी का राज वास्तव में जांच के बाद भी खुलेगा या नहीं।

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