चारधाम यात्रा के लिए धर्मस्व विभाग ने एसओपी की जारी,सीएम ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत,जानिए यात्रा करते समय किन बातों का रखना होगा ध्यान

देहरादून। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय नैनीताल ने आज चारधाम तीर्थयात्रियों को राहत देते हुए दर्शन हेतु यात्रियों की निर्धारित की गयी संख्या की बाध्यता को हटा दिया है। अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं रहेगी।.कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर तीर्थयात्री सीधे देहरादून स्मार्टसिटी पोर्टल पर पंजीकरण कर चार धाम यात्रा कर सकते है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है कहा कि तीर्थयात्री सरलता से अब चारधाम दर्शन हेतु पहुंच सकेंगे।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जताई। देवस्थानम बोर्ड पदाधिकारियों सदस्यों ने कहा कि चारधाम यात्रा अब निर्बाध चलेगी। उत्तराखंड धर्मस्व- तीर्थाटन विभाग के सचिव  हरिचंद्र सेमवाल की ओर से उत्तराखंड धर्मस्व‌ विभाग के अनुसचिव प्रेम सिंह राणा के द्वारा जारी मानक प्रचालन विधि ( एसओपी) में बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में अब चारधाम यात्रा हेतु निर्धारित संख्या के मानक को अब हटा दिया गया है। पहले  बदरीनाथ धाम हेतु 1000 श्री केदारनाथ हेतु 800 श्री गंगोत्री हेतु 600 तथा श्री यमुनोत्री धाम हेतु 400 तीर्थ यात्रियों को दर्शन का प्रावधान किया गया था। अब उत्तराखंड से बाहर प्रदेशों के तीर्थ यात्री htpp:// smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण करा सकते है। जबकि उत्तराखंड के लोगों को पंजीकरण की छूट रहेगी।

श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आईटीपीसीआर अथवा संबंधित टेस्ट जैसे ट्रू नेट /सीबी नाट/ रेट आदि टेस्ट जरूरी होंगे अथवा वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गयी हो। एक टीका लगने पर भी आईटीपीसीआर या अन्य कोविड टेस्ट रिपोर्ट आवश्यक होगी। इसके अलावा कोविड के लक्षण पाये जाने पर कोरोना प्रोटोकाल के तहत केयर सेंटर में भर्ती कराया जायेगा।

मंदिरों/ देवस्थानमों में दर्शन‌हेतु 6 फीट की सामाजिक दूरी का पालन, जरूरी होगा। एसओपी के अन्य प्रावधान यथावत रहेंगे। दूसरी ओर आयुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने भी शासन की एसओपी के आलोक में संशोधित एसओपी / आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा जारी एसओपी का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।

चारो धामों में से  बदरीनाथ,  गंगोत्री,  यमुनोत्री मे़ं तीर्थयात्री दर्शन हेतु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश नहीं करेंगे जबकि केदारनाथ धाम में श्रद्धालु गर्भ गृह में प्रवेश कर केवल परिक्रमा / प्रदक्षिणा कर सकेंगे,इस दौरान जलाभिषेक,टीका, लेपन,मूर्ति,पुस्तक स्पर्श निषिद्ध रहेगा।
 बदरीनाथ एवं  केदारनाथ देवस्थानम में दर्शन हेतु तीर्थयात्रियों को अब निशुल्क मैनुअल टोकन मिलेंगे ताकि तीर्थयात्रियों को दर्शन हेतु निर्धारित समय दिया जा सकेगा इससे तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक धर्मदर्शन की लाईन में नहीं लगना पड़ेगा जिसे यात्रियों की संख्या को नियंत्रित कर सरल सुगम दर्शन‌ब्यवस्था बन सकेगी। धर्माचार्यों द्वारा श्रृद्धालुओं की पूजाएं संपन्न करायी जायेगी लेकिन सभा मंडप में बैठने की छूट नहीं रहेगी। केदारनाथ धाम में श्रद्धालु अब गर्भ गृह में प्रवेश कर सकेंगे लेकिन कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार जलाभिषेक नहीं होगा भगवान केदारनाथ के ज्योर्तिलिंग का लेपन भी नही होगा मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जायेगा। श्रद्धालु केवल गर्भ गृह में एक बार परिक्रमा कर सकेंगे। जबकि बदरीनाथ में सोशियल डिस्टेंसिंग के तहत दर्शन होंगे। देवस्थामों में कोरोना बचाव मानको का पालन दर्शन हेतु सामाजिक दूरी, मास्क लगाना,सेनिटाईजेशन, थर्मल स्कैनर का प्रयोग जरूरी होगा। सामूहिक भजन कीर्तन आयोजन सामाजिक दूरी के साथ आयोजित होंगे, मंदिर में प्रसाद चढाने की ब्यवस्था पर कोरोना के दृष्टिगत रोक लगायी गयी है।

 

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