अंग्रेजी भाषा गुलामी का प्रतीक,हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने को लेकर लिया जाएगा संकल्प,अमिताभ बच्चन को भी अंग्रेजी बोलने पर निशंक ने कह दी थी बड़ी बात

देहरादून। कल विश्व हिंदी दिवस है और विश्व हिंदी दिवस पर हरिद्वार से हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने के साथ ही संयुक्त सभा में भी हिंदी भाषा को दर्जा मिले,इसको लेकर गंगा के तट से संकल्प लिया जाएगा। हरिद्वार से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हिंदी भाषा को अब तक राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलने को लेकर चिंता व्यक्त की है। निशंक का कहना है कि विश्व हिंदी परिवार के द्वारा हरिद्वार से संकल्प लिया जाएगा की हिंदी को राष्ट्र भाषा के साथ ही संयुक्त राष्ट्र सभा में भी दर्जा मिले। 200 करोड लोग विश्व में हिंदी बोलने वाले हैं,इसलिए हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा और संयुक्त राष्ट्र सभा में दर्जा मिलना चाहिए। निशंक की माने तो अंग्रेजी भाषा गुलामी का प्रतीक है और अब समय आ गया है जब अंग्रेजों की गुलामी की निशानी को हटा देना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 343 से लेकर 350 तक के अनुच्छेदों में 10 वर्ष के अंदर दक्षिण की राज्यों को हिंदी में सशक्त किए जाने के प्रावधान के साथ ही भारत में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाने का भी प्रावधान है,लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी आज तक हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित नहीं किया गया,जो की संविधान का भी एक तरफ से उल्लंघन है। हिंदी दुनिया के 250 विश्वविद्यालय और 600 महाविद्यालय में पढ़ाई जा रही है जिससे साफ है कि पूरा विश्व हिंदी को स्वीकार कर रहा है । देश की आजादी की लड़ाई के समय भी हिंदी का ही प्रयोग किया गया, जितने गाने और नारे बने वह सब हिंदी में ही बने । इसराइल हमसे बाद आजाद हुआ और उसने अपनी मातृभाषा को चुना। गांधी जी ने भी कहा था कि हिंदी नहीं तो देश नहीं,देश को एकजुट करना होगा तो हिंदी भाषा को अपनाना होगा । 1975 से विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं, और अब तक 12 सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं, मॉरीशस में हिंदी का पहला सबसे बड़ा सचिवालय भी स्थापित हुआ है । हिंदी के अखबार और हिंदी चैनल को देखने वाले ज्यादा है। अमिताभ बच्चन को तो मैंने यहां तक कहा कि हिंदी फिल्मों ने आपको महानायक बना दिया फिर आप इंटरव्यू अंग्रेजी में क्यों देते हैं। जिस दिन राष्ट्रभाषा हिंदी हो गई उसे दिन 20 करोड़ हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों को भी रोजगार मिलेगा। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के सांसद हिंदी में संसद भवन में बोलते हैं। पीएम मोदी जब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाते हैं और हिंदी भाषा में भाषण देते हैं तो सब समझ जाते हैं कि भारत के पीएम बोल रहे हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ में जब पहली बार प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेई ने हिंदी में भाषण दिया था, तो भारत वासियों का सीना गर्व से फूल गया था। हरिद्वार में विश्व हिंदू परिवार की ओर से हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा और संयुक्त राष्ट्र सभा की भाषा का दर्जा मिलने को लेकर देश-विदेश की साहित्यकार हरिद्वार में कल संकल्प लेने के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें दिव्या माथुर ब्रिटेन सेल जा सक्सेना कनाडा राम शर्मा जापान अभिषेक त्रिपाठी आयरलैंड से हैं।

वही रमेश पोखराल निशान का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में देश ने वह काम कर दिखाए हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जाती थी और अब हिंदी की बारी है जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा मिलेगा।

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