दून पुलिस के हथे चढ़ा फर्जी एसडीएम,15 लाख की ठगी को दे चुका था अंजाम
पूछताछ का विवरण
पूछताछ के दौरान अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव उपरोक्त द्वारा बताया गया कि वह अपने ड्राइवर पंकज शर्मा के साथ अक्सर तहसील के बाहर चक्कर लगाता रहता था, इसी दौरान पंकज शर्मा की मुलाकात मुकदमा वादी सौरभ बहुगुणा से हुई, जिसके द्वारा पंकज शर्मा को बताया गया कि उनकी कोटडा संतौर स्थित जमीन, जिसमें कुछ समस्या चल रही है, जिसके सिलसिले में वह तहसील में आया है। इसी बात का फायदा उठाकर पंकज शर्मा ने यह बात अश्वनी कुमार श्रीवास्तव को बताई, इसके बाद पंकज शर्मा ने पीड़ित सौरभ बहुगुणा को यह बताया कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, जो कि एसडीएम है, मैं उनकी गाड़ी चलाता हूं, वह आपका काम करा देंगे। इसके पश्चात किशन नगर चौक पर पीड़ित सौरव बहुगुणा के जीजा बलविंदर सिंह के ढाबे पर अक्सर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव और पंकज शर्मा खाना खाते थे और दोनों ने पीड़ित के जीजा बलविंदर सिंह को अपने विश्वास में ले लिया और कोटडा संतूर स्थित जमीन की पटवारी बुलाकर नपाई कराई, जिससे वादी सौरभ बहुगुणा को यह यकीन हो गया कि अश्वनी कुमार श्रीवास्तव एसडीएम है। इसके बाद सौरभ बहुगुणा की जमीन दिलाने को लेकर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव एवं पंकज शर्मा ने 20,00000/- रुपए का खर्चा बताया, जब पीड़ित द्वारा बताया गया कि एकदम से इतनी धनराशि वह नहीं दे सकता तो उक्त धनराशि को 4 बार में 5-5 लाख करके देने की बात पर सौरभ बहुगुणा राजी हो गया और अलग-अलग टाइम में सौरव बहुगुणा और उसके जीजा के द्वारा कुल 1500000/- रुपए अश्वनी कुमार श्रीवास्तव एवं पंकज शर्मा को दे दिए। अभियुक्त अश्वनी कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि उक्त 1500000 रुपए में से 500000 रूपये मैंने रखे तथा 1000000 रुपए पंकज शर्मा ने रख लिए,जब रुपए देने के बाद भी वादी सौरभ बहुगुणा को जमीन नहीं मिली तो उसे शक हुआ लेकिन तब तक अभियुक्तगण फरार हो चुके थे, जिसमें से अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त अश्वनी कुमार श्रीवास्तव इतना शातिर था कि अक्सर अलग-अलग मोबाइल से कॉल करने के बाद अधिकांश समय पर अपने फोन स्विच ऑफ रखता था तथा घटना करने के बाद कुछ समय के लिए वहां से फरार होकर दूसरी जगह चला जाता है। अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त से अन्य व्यक्तियों के आधार कार्ड, पैन कार्ड तथा डीएल की छाया प्रति प्राप्त हुई है, जिस संबंध में अभियुक्त ने बताया कि वह इन लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर भी इन लोगों से ठगी का प्रयास कर रहा था इसलिए यह दस्तावेज अभियुक्त ने अपने पास रखे हैं। अभियुक्त पूर्व में भी फर्जी नौकरी दिलवाने के नाम पर कोतवाली नगर जनपद हरिद्वार से जेल जा चुका है।
बरामदगी माल
1- नकद 2,02,100/- रुपए
2- सैमसंग मोबाइल फोन मल्टीमीडिया-02
3- सादे कीपैड फोन-03
4- एटीएम एक्सिस बैंक -01
5- एटीएम केनरा बैंक 01
6- एटीएम यूनियन बैंक 01
7- चेक बुक कोटक महिंद्रा बैंक 01
8- चेक बुक एक्सिस बैंक 01
9- पासबुक एक्सिस बैंक( ब्लैंक) 01
10- आधार कार्ड अश्वनी कुमार श्रीवास्तव 01
11- विभिन्न लोगों के पैन कार्ड आधार कार्ड डीएल आदि छाया प्रति