हरदा का भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला, कहा- नड्डा जी पहाड़ी आदमी हैं, आखिर एक सच तो बोल ही गये

देहरादून : पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के उत्तराखण्ड दौरे के दौरान वन रैंक वन पेंशन पर दिये गये बयान पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन पर कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय को आगे बढ़ाने का श्रेय लेना कोई बडी बात नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा की गई कई योजनाओं को भाजपा अपना बताकर पहले भी श्रेय लेती रही है लेकिन सैद्धांतिक रूप में कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय ही वन रैंक वन पेंशन पर पूर्व सैनिकों एवं उनके हितों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय की बुनियाद रखी गई थी। अब नड्डा जी यहां पर चुनावी मौके पर वाह वाही लूटना चाह रहे है। सब जानते हैं कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम मे कैसे सैनिकों का मनोबल तोडने की कोशिश की गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा हर हथकण्डे अपनाकर चुनाव में आना चाहती है लेकिन उनकी असलियत और दोहरा चरित्र जनता जान चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी, देश की चैपट होती अर्थ व्यवस्था, उत्तराखण्ड के सामने मुंह बाये विभिन्न समस्याओं पर नड्डा जी की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि 2014 में यू.पी.ए. के कार्यकाल के अंतिम महीनों में वन रैंक-वन पेंशन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया और कुछ लोगों को तदनुसार पेंशन वितरित की गई। इसका अर्थ स्पष्ट है कि यू.पी.ए. सरकार ने ही ष्रुवनऋरैंक-वन पेंशनष् योजना को स्वीकार किया जिसको भाजपा ने आगे बढ़ाया, तो भाजपा के राजनैतिक दृष्टिकोण से नड्डा की यह स्वीकारोक्ति मेल नहीं खाती है। मगर नड्डा जी पहाड़ी आदमी हैं आखिर एक सच तो बोल ही गये।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सेवानिवृत्त हो चुके या हो रहे कर्मचारियों में हो रही बेचैनी को लेकर चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि पेंशन किसी भी कर्मचारी के लिए एक आर्थिक सुरक्षा है, सामाजिक सुरक्षा है। अपने उन कर्मचारियों के लिए जिन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सेवा में बीता हो उसको भाजपा की तत्कालिक केंद्र सरकार ने छीन लिया है। कांग्रेस ने उस समय भी अपनी आपत्ति जताई थी तथा हम आज भी महसूस करते हैं कि पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए, फिर से लागू होनी चाहिए। लेकिन यह प्रश्न अखिल भारतीय है, इस पर निर्णय केंद्र सरकार को ही लेना होगा और सभी राज्यों को केंद्र और राज्य के पारस्परिक सहयोग के बिना यह योजना पुनः लागू करना कठिन है। मगर केंद्र सरकार इस दिशा में कुछ पहल करती हुई दिखाई नहीं दे रही है। हमने तय किया है कि हमारे कर्मचारी भाई जो लोग इस मुहिम को चला रहे हैं, हम उनके साथ खड़े रहेंगे। कांग्रेस, राज्य में सरकार बनाती है तो एक प्रस्ताव पास कर विधानसभा से हम केंद्र सरकार को भेजेंगे कि आप पुरानी पेंशन की योजना को बहाल करिए, पुनः लागू करिए।

हरीश रावत ने कहा कि दूसरा हमारा निर्णय यह है कि हम राज्य स्तर पर इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं, बिना कोई संवैधानिक व्यवधान के, इस हेतु एक एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाएंगे। जिसमें ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करेंगे। तीसरा कदम हमारा यह रहेगा कि गोल्डन कार्ड स्कीम के तहत कर्मचारियों की पेंशन में जो कटौती हो रही है, हम उसको समाप्त करेंगे और किस्तों में उस पैसे को जो उनसे कटौती किया गया है, एक पारस्परिक सहमति चार्ट बनाकर के उसको वापस करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!