गैरसैंण को लेकर हरदा का मास्टर स्ट्रोक,ग्रीष्मकालीन राजधानी पहुंचकर सरकार से करेंगे भेंट,लेकिन सरकार देहरादून में ही मौजूद

देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत राजनीति में माहिर खिलाड़ियों में एक माने जाते हैं,और हरीश रावत की यहीं महारथ उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग करती है। हरीश रावत का विरोध करने का तरीका भी कुछ निराला होता है। जी हां हरीश रावत यदि किसी बात को लेकर विरोध कर रहे हो तो वह अलग ही ढंग से करते हैं । जिसको लेकर वह हमेशा सुर्खियों में भी बने रहते हैं।

गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन सरकार से करेंगे मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है । वहीं भाजपा इसको सियासी नफा के रूप में देख रही है । लेकिन उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद सरकार का कामकाज ग्रीष्मकालीन समय में देहरादून से ही संचालित होने को लेकर विरोध के रूप में कल गैरसैंण पहुंच रहे हैं। जी हां हरीश रावत को यह भली-भांति पता है, की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण को घोषित त्रिवेंद्र सरकार के द्वारा कर दिया गया है,और उसके आदेश भी जारी हो गए हैं । लेकिन गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद वहां जिस तरीके से पहले की तरह व्यवस्थाएं चल रही थी । वही व्यवस्थाएं अब चल रही है, लेकिन इस को उजागर करने को लेकर कल हरीश रावत गैरसैंण पहुंचकर ग्रीष्मकालीन सरकार से भेंट करने जा रहे हैं। बकायदा हरीश रावत ने अपने कार्यक्रम के दौरान यह दर्शाया भी है कि वह गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन सरकार से भेंट करने जा रहे हैं, जबकि यह भी सबको पता है कि भले ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया हो, लेकिन सरकार का कामकाज देहरादून से ही संचालित हो रहा है। ऐसे में हरीश रावत ने यह मास्टर स्ट्रोक खेला है कि जब गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया है तो फिर कामकाज ग्रीष्म काल में देहरादून से ही क्यों संचालित हो रहा है।

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