स्वास्थ्य संवाद में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने की बड़ी घोषणाएं,600 स्वास्थ्य मेलों का होगा आयोजन,निःशुल्क दवाई के लिए अपनाएंगे सख्ती

देहरादून। सूबे में संचालित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं से जनप्रतिनिधियों को रू-ब-रू कराने के उद्देश्य से आज राजधानी देहरादून में स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की जबकि अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह उपस्थित रहे। संवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं का विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के दिये गये सुझावों का अध्ययन कर उन पर अमल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर स्वास्थ्य विभाग में रिक्त चल रहे लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन तथा वार्ड ब्वाय के पदों को भर दिया जायेगा साथ ही प्रदेशवासियों को सरकारी चिकित्सालयों में निः शुल्क डायलिसिस की सुविधा दिये जाने के साथ ही संबंधित मरीजों को आवागमन की भी मुफ्त सुविधा मिलेगी। डा. रावत ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की मॉनिटिरिंग के लिए राज्य से ग्राम स्तर तक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। मीडिया को जनता एवं सरकार के मध्य की महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही देहरादून, श्रीनगर व हल्द्वानी में भी मीडिया कर्मियां के लिए स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जच्च-बच्चा को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए खुशियों की सवारी योजना के तहत एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विदित हो कि यह योजना राज्य सरकार द्वारा दोबारा शुरू की गई।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्या शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज देहरादून के एक निजी होटल में स्वास्थ्य संवाद-2021 का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि राज्यभर में 600 स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जायेगा। जिसमें पर्वतीय विधानसभा क्षेत्रों में 10-10 जबकि मैदानी विधानसभा क्षेत्रों में 5-5 स्वास्थ्य मेले लगाये जायेंगे। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों को निःशुल्क दवा का वितरण किया जायेगा। इस बात को सख्ती से लागू किया जायेगा कि कोई भी डॉक्टर बाहर की दवा मरीजों को नहीं लिखेगा। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा राज्य में संचालित मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनीमिया मुक्त उत्तराखंड, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम, राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, निःशुल्क आवश्यक औषधि योजना, निःशुल्क जांच योजना, क्वालिटी एंश्योरेंस कार्यक्रम, आयुष्मान भारत सहित विभिन्न योजनाओं की सलाइड शो के माध्यम से जानकारी दी। कार्यक्रम में अति विशिष्ट अथिति विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी अपने विचार रखे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए जनहित में बताया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम िंसंह ने कहा कि देर से ही सही सरकार ने संवाद कार्यक्रम आयोजित कर जनप्रतिनिधियों की जानकारी के लिए अच्छी पहल की है। उन्होंने का कि काश राज्य को शुरू में ही पृथक स्वास्थ्य मंत्री मिल गया होता तो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत हो गई होती। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आये नगर निगमों के मेयर, जिला पंचायतों के अध्यक्ष तथा पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने अपने विचार रखे। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार को जिला चिकित्सालयों एवं संयुक्त चिकित्सालयों में और सुविधाएं बढ़ानी होगी ताकि पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। वक्ताओं ने कहा कि विशेषकर पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहत्तर एवं जन उपयोगी बनाने की जरूरत है इसके लिए विभागीय अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन निष्ठापूर्वक एवं सेवाभाव से करना होगा। स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश के मेयर, जिला पंचायतों के अध्यक्षों सहित दो दर्जन से अधिक पक्ष एवं प्रतिपक्ष के विधायकों ने प्रतिभाग किया।

इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी.के. कोटिया, मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अभिषेक त्रिपाठी, डा. कुलदीप टोलिया, डा. सरोज नैथानी, डा. मयंक बडोला, डा. जे.सी. पाण्डे सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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