सम्पादकीय

कैंची धाम में मंदिर निर्माण की बाधा को चमत्कार से कैसे बाबा नीम करौली ने किया दूर,खुद देश के पूर्व प्रधानमंत्री पहुंचे थे जमीन उपलब्ध कराने कैंची धाम

देहरादून। बाबा नीम करोली महाराज को चमत्कार करने की प्रसिद्धि हासिल थी, बाबा नीम करोली महाराज को हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है। भविष्य में क्या होगा इससे बाबा अपनी वाणी से बता देते थे। जिसे बाद में लोग चमत्कार मानते थे। तीनों लोको के बारे में बाबा को जानकारी रहती थी, मानो ऐसा प्रतीत होता था । लेकिन हम आज बाबा के एक ऐसे चमत्कार की बात करेंगे जो आज के समय में विश्वास करना आसान नहीं है। लेकिन जो कहानी आप सुनेंगे उस पर आपको विश्वास जरूर होगा। जी हां हम बात कर रहे हैं कैंची धाम के निर्माण की,आखिरकार कैंची धाम जहां पर आज देश और दुनिया के लोग बाबा में आस्था रखने वाले पहुंचते हैं,और कैंची धाम मानो आज विश्व की आस्था का ऐसा केंद्र बन गया है, जहां देश विदेशों से बड़ी तादाद में बाबा नीम करौली के भक्त पहुंचते हैं, बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी कैंची धाम पहुंच रही हैं। लेकिन कैंची धाम मंदिर के निर्माण में जो वादा आ रही थी, उसे कैसे बाबा ने दूर किया और कैसे कैंची धाम मंदिर का निर्माण कैसे हुआ। यह आज हम आपको बताने जा रहे हैं । बाबा के अनन्य भक्त पूर्णानंद के पुत्र का एक वीडियो सामने आया है । जिसमें उन्होंने कैंची धाम के निर्माण की संपूर्ण जानकारी दी है,पूर्णा नन्द के पुत्र बताते हैं, कि जब बाबा नीम करोली उनके पिता से मिले तो उन्होंने मंदिर निर्माण की इच्छा जताई जिस पर उनके पिता पूर्णानंद के द्वारा जहां पर आज कैंची धाम है। उस जगह को दिखाया गया और यह भी कहा गया कि यहां पर कई बाबाओं ने तब किया कमला गिरी बाबा और सोमवारी बाबा ने इसी स्थान पर साधना की जिसके बाद नीम करोली महाराज ने कैंची धाम में हनुमान मंदिर बनाने की थान ली और पूर्ण नन्द को जगह दिखाने के लिए कहा। जिस पर पूर्णानंद के द्वारा बाबा नीम करोली महाराज को जो जमीन कैंची धाम की दिखाई गई वह वन विभाग की थी, पूर्णानंद ने कहा कैंची धाम मंदिर तो बन जाएगा लेकिन वन विभाग यहां पर मंदिर का निर्माण होने नहीं देगा । जिस पर बाबा ने कोई चमत्कार दिखाया और अगले दिन वन विभाग वन विभाग की टीम वहां पर पहुंच गई। वन विभाग की टीम की मौजूदगी में बाबा ने एक फूल उछाला और पूर्णानंद से कहा कि जहां पर यह फूल गिरा है । वहां पर गड्ढा खुदा जाए,थोड़ी गड्ढा खोदने के बाद पूर्णानंद ने बाबा नीम करौली से पूछा कि आप गड्ढा क्यों खुदवा रहे हैं, जिस पर बाबा ने जवाब दिया कि आप गड्ढा खोदते जाइए, यहां पर राख मिलेगी थोड़ी गड्ढा खोदने के बाद थोड़ी राख मिली तो उसके बाद बाबा ने कहां की और थोड़ा सा गड्ढा खोदिए, गड्ढा खोदने के बाद सोमवारी बाबा हस्तियां वहां पर मिल गई। जिसके बाद बाबा ने मंदिर बनाने की बात कैची धाम में ठान ली। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यह सरकार के द्वारा ही संभव है। बाबा ने कोई चमत्कारिक रचना रची और अगले 3 दिन बाद उत्तर प्रदेश की वन मंत्री चौधरी चरण सिंह कैंची धाम पहुंच गए और बाबा नीम करोली महाराज ने चौधरी चरण सिंह से मंदिर निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध वन विभाग के द्वारा कराए जाने की बात रखी। जिस पर चौधरी चरण सिंह ने मंदिर निर्माण के लिए एक रुपये की लीज पर उस समय वन विभाग की जमीन उपलब्ध करा दी। इससे बाबा चौधरी चरण सिंह से काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह आप तो भक्त आदमी हैं, इसलिए अपने व्यवहार में थोड़ा नरमी लाइए और चौधरी चरण सिंह की पीठ थपथपाते हुए बाबा ने चौधरी चरण सिंह से कहा कि आप एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे और चौधरी चरण सिंह बाद में प्रधानमंत्री बने भी, चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे यह उस समय कोई नहीं जानता था,लेकिन बाबा नीम करोली महाराज ने कैंची धाम की जमीन मंदिर निर्माण के लिए उपलब्ध कराए जाने की दिन ही चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद भी दे दिया था। आप बाबा के इस चमत्कारी कहानी को यदि सुनना चाहते हैं, तो यूट्यूब में जो लिंक नीचे है उसे आप क्लिक करके भी सुन सकते हैं।

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