पिछले चुनाव में 3 पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को हराया चुनाव,इस बार भी दो पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को को हरा दिया चुनाव,क्या युवा बीजेपी विधायक की मंत्री पद की दावेदारी है मजबूत

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को जहां स्पष्ट बहुमत मिल गया वहीं कई विधानसभा सीटों पर भाजपा के ऐसे प्रत्याशी भी चुनाव जीत कर आए हैं जिनको लेकर संभावनाएं जताई जा रही थी कि उनका चुनाव जीतना मुश्किल है लेकिन माना जा रहा है, कि मोदी मैजिक की वजह से ऐसे कई विधायक चुनाव जीत कर आए हैं,जो दूसरी बार मोदी लहर में चुनाव जीते हैं, बात अगर देवप्रयाग विधानसभा सीट की करें तो देवप्रयाग विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विनोद कंडारी दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। विनोद कंडारी को भले ही कई लोग 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह 2022 के विधानसभा चुनाव में भी हल्के में ले रहे थे लेकिन जिन दिग्गजों नेताओं को विनोद कंडारी ने हराया है दिग्गज नेताओं के सामने चुनाव जीतना अपने आप में मोदी लहर के बाद भी बड़ी बात है। 2017 के विधानसभा चुनाव में जहां पहली बार चुनाव लड़ रहे विनोद कंडारी ने तीन पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को शिकस्त देकर विधानसभा चुनाव जीता जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवान थे, वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में भी विनोद कंडारी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट और पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को हराया है जिससे विनोद कंडारी का कद भाजपा के भीतर कई गुना बढ़ चुका है। विनोद कंडारी उन विधायकों में एक है जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उत्तराखंड के सियासत के उन चेहरों को हराया है जो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में कैबिनेट मंत्रियों को चुनाव हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे विनोद कंडारी क्या मंत्री पद के दावेदारों में हमारे इस बात को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है क्योंकि विनोद कंडारी बड़े-बड़े दिग्गज पूर्व मंत्रियों को हराकर विधानसभा पहुंच रहे हैं इसलिए क्या वह मंत्री बन पाएंगे इसको लेकर भी चर्चा है। विनोद कंडारी भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को चुनाव में शिकस्त देने की वजह से उनके मंत्री पद की दावेदारी मजबूत होती है हालांकि एक समीकरण ऐसा है जो उनकी मंत्री पद की दावेदारी को कमजोर करता है और वह यह है कि टिहरी जिले से मंत्री पद के दावेदारों की इस बार फिर भरमार है क्योंकि टिहरी जिले की नरेंद्र नगर विधानसभा सीट से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल चुनाव जीत कर आ चुके हैं तो वहीं धनोल्टी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर इस बार प्रीतम सिंह पंवार भी चुनाव जीतकर आगे जिनकी मंत्री पद की दावेदारी हो सकती है वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जिले के डिग्री विधानसभा सीट से ही चुनाव जीत कर आए हैं जिनकी भी मंत्री पद की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है ऐसे में दिग्गजों के सामने मंत्री पद की दावेदारी विनोद कंडारी कि भले ही कम हो लेकिन उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में जिस तरीके से मजबूत प्रत्याशियों और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को हराया उससे विनोद कंडारी का कद बढ़ गया है ऐसे में उनके मंत्री पद की दावेदारी भी मजबूत हुई है।

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