किशोर उपाध्याय ने पहले गढ़वाली में ली शपथ,लेकिन फिर हिंदी में लेनी पड़ी शपथ,जानिए क्यों दो बार लेनी पड़ी किशोर को शपथ

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में आज नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली तो,वही टिहरी से विधायक चुनकर आए किशोर उपाध्याय ने अपने चिर परिचित अंदाज में कुछ हटके शपथ ली । किशोर उपाध्याय ने गढ़वाली में पहले शपथ ली। लेकिन बाद में उन्हें हिंदी में शपथ दिलाई गई। शपथ पहले गढ़वाली में लेने को लेकर किशोर उपाध्याय का कहना है कि गढ़वाली उनकी मातृभाषा है और उस भाषा को वह अपनी मां के साथ चाची, ताई सभी से सीखिए इसलिए उन्होंने पहले गढ़वाली में शपथ ली। लेकिन उत्तराखंड विधानसभा में गढ़वाली भाषा को मान्यता न होने के चलते फिर उन्हें हिंदी में शपथ दिलाई गई । किशोर उपाध्याय का कहना है कि अगली बार जब वह शपथ लेंगे तो गढ़वाली को भी मान्यता दिला देंगे। किशोर उपाध्याय का कहना है कि पहले उन्होंने गढ़वाली में शपथ लेने की नहीं सोची थी। लेकिन जैसे ही वह शपथ लेने पहुंचे तो उनके मन में आया कि वह गढ़वाली में शपथ ले ताकि उनकी मां के साथ उत्तराखंड के जो मात्र शक्ति है जो गढ़वाली भाषा को समझते हैं वह उनकी शपथ को समझ सके। किशोर उपाध्याय ने शपथ लेने के साथ ही टिहरी की जनता का आभार भी व्यक्त किया है, और कहा है कि तीसरी बार टिहरी की जनता ने उन्हें विधानसभा पहुंचाया है जिसके लिए वह टिहरी की जनता का हमेशा के लिए ऋण्डी हो गए हैं।

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