सीएम धामी से मिले किशोर उपाध्याय,टिहरी के विकास पर हुई चर्चा,19 सूत्रीय मांग पत्र सीएम को सौंपा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज टिहरी पहुंचे जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की लेकिन इस बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय नहीं हुई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर टिहरी के विकास को लेकर कई मांगे उनके सामने रखी वहीं 19 सूत्रीय ज्ञापन किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री को सौंपा है। किशोर उपाध्याय ने निम्न मांगो को लेकर मुख्यमंत्री का ज्ञापन सौंपा है।

1:-उतराखण्ड के पावन पवित्र चार धामों की यात्रा को यथाशीघ्र शुरू किया जाय, चूंकि चारधाम की अति महत्वपूर्ण यात्रा बाधित होने से अनेकों व्यवसायियो को नुकसान हो रहा है, ओर धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही है।

2:-राज्य स्तरीय श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय चम्बा में पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों को किन्हीं कारणों से हटा दिया गया था, जिससे उनके परिवारों पर रोजी रोटी का संकट आन पड़ा है, हमारी माँग है कि इन हटाये गए कर्मचारियों को पुनः सेवा में बहाल किया जाय ।

3:-वनाधिकार कानून2006 के तहत हम उतराखण्डियो को वनवासी(Forest Dwellers) घोषित करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) घोषित किया जाय ।

4:- बिजली, पानी निःशुल्क दिया जाय और प्रति परिवार प्रति माह एक एल. पी. जी गैस सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध करवाया जाए ।

5:-जंगली जानवरों के हमले से यदि कोई हताहत होता है, तो ऐसी जनहानि होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नोकरी तथा 25लाख रुपये की छतिपूर्ति राशि दी जाय।

6:-सम्पूर्ण उतराखण्ड को अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC)घोषित किया जाय, जैसा कि OBC कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था ।

7:-उतराखण्ड पुलिस और जेल बंधिरक्षको के ग्रेड पे की मांग को शीघ्र लागू किया जाय।

8:-देवप्रयाग के श्रीकोट माल्डा में पूर्व में स्वीकृत NCC एकेडमी को शीघ्र स्थापित कर शुरू की जाय ।

9:-प्रतापनगर को केंद्रीय OBC सूची में सम्मिलित करने हेतु उच्च स्तर पर पैरवी की जाय ।चूकि पूर्व में मा. राजनाथ सिंह जी ने घोषणा की थी।

10:-रानीचौरी, चम्बा में पूर्व की कांग्रेस सरकार ने औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वी6की स्थापना की थी, किंतु बाद की निशंक सरकार ने इस विश्वविद्यालय को जनपद पौड़ी के भरसार में अंतरित कर दिया था, हमारी माँग है कि उक्त विश्वविद्यालय के एवज में रानीचौरी चम्बा में जड़ीबूटी एवं वानिकी विश्वद्यालय की स्वीकृति प्रदान की जाय।

11:-पूर्व में टिहरी बांध से प्रभावितो ने अपनी माँगो को लेकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया था, किन्तु तत्कालीन प्रशासन ने इन माता, बहिनो, भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था, हमारी माँग है कि इस मुकदमे को (राज्य बनाम सोहन सिंह राणा व अन्य मु. अ.सँ.219/16) वापस ले।

12:-टिहरी बांध से प्रभावित परिवारों की भूमि का मूल्यांकन अभी तक नही किया गया है, ओर टिहरी बांध की झील का लेवल बढ़ाने की अनुमति दे दी गई, जो कि प्रभावितो के साथ एक प्रकार का अन्यया है।हमारी मांग है कि प्रत्येक विस्तापित परिवार को पूर्व की भाँति10 बीघा(दो एकड़)कृषि भूमि एवं आवासीय भूखण्ड सहित भूमि, भवन, पेड़ो का प्रतिकार दिया जाय, यदि भूमि आवंटन सम्भव न हो तो प्रति परिवार 5करोड़ रुपये का नगद प्रतिकर दिया जाय ।

13:-वर्ष 2012 में जब यू पी ए की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी नई टिहरी आयी थी, तब उन्होंने टिहरी के लिए एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी, ओर तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी जी ने इस हेतु आदेश भी जारी किया था, किन्तु यह जनहित का मन5कार्य नही हो सका, हमारी माँग है, कि इस जनपद को एक मेडिकल कॉलेज की सौगात जरूर दे।

14:-टिहरी बाँध से राज्य सरकार को प्राप्त होने वाली 12%की रॉयल्टी से टिहरी एवं उतरकाशी जनपद के निवासियों को निःशुल्क बिजली, पानी प्रदान किया जाय और 50%धनराशि यहाँ के विकास कार्यो पर ही खर्च हो ।

15:-टिहरी बांध के ऊपर से आवागमन24घण्टे सुचारू किया जाय, जैसा कि देश के अन्य बांधों में आवागमन होता है।

16:-नई टिहरी शहर में उपनल कर्मचारियों को पूल्ड हाउस आवंटित किए जाए, इस हेतु जिलाधिकारी जी को निर्देशित किया जाय ।

17:-टिहरी बांध की झील में राज्य सरकार की बहुमुल्य सम्मपत्तियों जैसे:-फ्लोटिंग हट, हट, होटल, बार्ज वोट, मरीना, आदि एक प्राइवेट कंपनी ली रॉय को30वर्षो की लीज पर दिया गया है, ऐसा यहां के निवासियों के संज्ञान में आया है, इससे स्थानीय बेरोजगार हताश है, हमारी आपसे मांग है, कि उक्त कंपनी की लीज को समाप्त कर स्थानीय बेरोजगारों को उपरोक्त कार्यो में प्राथमिकता दी जाय ।

18:-कोटी कालोनी बाजार में जो दुकानें वर्षो पुरानी है, ओर जीर्ण शीर्ण स्थिति में है, उन्हें पर्यटन के मानकों के आधार पर सुव्यवस्थित पुननिर्मित कर उन्ही दुकानदारों को आवंटित किया जाय ।

19:-टिहरी बाँध की झील में स्थानीय वोट मालिको से सरकार60हजार रुपये का किराया लेती है, जो की अत्यधिक है, हमारी माँग है कि इसको न्यूनतम किया जाय।

 

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