कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे सचिव तो मंत्री का चढ़ा पारा,मुख्य सचिव से जताई नाराजगी

देहरादून । उत्तराखंड में अधिकारियों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है । वह भी तब जब कुछ दिनों पहले मुख्य सचिव के द्वारा सभी विभागों के आला अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने को लेकर आदेश जारी की गए थे,लेकिन जनप्रतिनिधियों की छोड़ें उत्तराखंड के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में कई विभागों के सचिव ना पहुंचने से शासकीय के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कुंभ के दौरान होने वाले निर्माण कार्यों की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक को स्थगित कर दिया । जी हां मदन कौशिक ने बैठक को इसलिए स्थगित कर दिया क्योंकि ऊर्जा,पीडब्ल्यूडी, पेयजल जैसे विभागों के सचिव उनके द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में नहीं आए। इतना ही नहीं मदन कौशिक ने मुख्य सचिव को फोन कर फटकार लगाते हुए कहा उनका समीक्षा बैठक लेने का क्या औचित्य है जब सचिव उनकी बैठक में न हो। मुख्य सचिव को फोन पर मदन कौशिक ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने एक हफ्ते पहले बैठक का एजेंडा तय कर विभागों को भेज दिया था लेकिन विभागीय सचिव बैठक में नहीं पहुंचे । मदन कौशिक का कहना था कि जिस बैठक में सचिवों को मौजूद होना चाहिए उसमें विभागों कि छोटे अधिकारी भेजे गए हैं जिस वजह से वह बैठक नहीं ले पाएंगे। वही मदन कौशिक ने अधिकारियों को बैठक छोड़ने के बाद यह तक कह दिया कि यदि सचिव उनकी बैठक में नहीं आना चाहते हैं । तो फिर वह बैठक नहीं ले पाएंगे और मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव ही बैठक लें। वही बताया जा रहा है कि यह बैठक हरिद्वार में होनी थी लेकिन विभागों के सचिवों की उपस्थिति को लेकर बैठक को हरिद्वार की वजह देहरादून में ही किया गया लेकिन सचिवालय में बैठक होने के बावजूद भी सचिव बैठक में नहीं पहुंचते हैं जिसको लेकर सवाल अधिकारियों पर भी खड़ा होता है आखिर शासकीय प्रवक्ता और हरिद्वार से विधायक होने के नाते कैबिनेट मंत्री की बैठक में सचिव क्यों नहीं पहुंचे।

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