10 वीं बोर्ड परीक्षार्थियों को किस आधार पर मिलेंगे अंक,शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया फार्मूला

देहरादून। उत्तराखंड में कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया था कि दसवीं की उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द किया जाए, दसवीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के साथ ही अब परीक्षा परिणाम बनाने की चुनौती शिक्षा विभाग के साथ रामनगर बोर्ड के ऊपर है ऐसे में किन मानकों के हिसाब से बोर्ड परीक्षार्थियों को नंबर दिए जाएंगे इसको लेकर रामनगर बोर्ड भी मंथन कर रहा है तो वही शिक्षा विभाग भी मंथन कर रहा है लेकिन रामनगर बोर्ड ने उत्तराखंड शासन को प्रस्ताव भी इसको लेकर भेजा है कि आखिर किन बिंदुओं को लेकर बोर्ड परीक्षार्थियों का मूल्यांकन किया जाए बोर्ड ने उत्तराखंड शासन को 9 क्लास में अंकों के आधार पर नंबर दिए जाने का भी प्रस्ताव भेजा है साथी कक्षा दसवीं में मासिक परीक्षाओं के आधार और उपस्थिति के मानकों पर भी अंक दिए जाने का प्रस्ताव भेजा है जिस पर अभी शासन को निर्णय लेना है लेकिन उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि जो भी मानक सीबीएसई बोर्ड दसवीं बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए अपना आएगा उसी का आधार बनाते हुए उत्तराखंड बोर्ड के परीक्षार्थियों को भी नंबर दिए जाएंगे। शिक्षा मंत्री का कहना है कि इसको लेकर अधिकारियों को पहले भी निर्देश दिए गए हैं जल्दी इस पर फैसला लिया जाएगा जरूरत पड़ी तो कक्षा 9 की परीक्षा परिणाम के आधार पर भी अंक दिए जा सकते हैं जबकि मासिक परीक्षाओं को भी आधार बनाया जा सकता है।

9 वीं कक्षा के अंको क्यों बनाया जा रहा है आधार जानिए वजह

सीबीएसई बोर्ड ने जहां दसवीं कक्षा के मासिक परीक्षाओं और वार्षिक परीक्षा को ही अंक देने का आधार बनाए वहीं उत्तराखंड बोर्ड कक्षा 9 के अंकों को इसलिए आधार बना रहा है क्योंकि उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सरकारी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन नहीं हो पाई और 2 नवंबर 2020 से स्कूल बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए खोले गए जिसकी वजह से कई स्कूलों में ना तो मासिक परीक्षाएं हो पाई और ना ही अर्धवार्षिक परीक्षा हो पाई इसलिए कक्षा 9 की अंको को आधार बनाया जा सकता है जिस पर अंतिम फैसला उत्तराखंड शासन को लेना है।

छात्र नहीं हुए सन्तुष्ट तो होगी परीक्षा आयोजित

उत्तराखंड में कक्षा 9 के अंकों के आधार पर यदि दसवीं के बोर्ड परीक्षार्थियों को नंबर दिए जाते हैं और वह उन नंबरों से संतुष्ट नहीं आते हैं तो छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा यह बोर्ड ने पहले ही स्पष्ट किया है साथ ही बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यदि अगर छात्रों को पहले ज्यादा नंबर आंतरिक मूल्यांकन पर दिए जाते हैं और बाद में छात्र उस से असंतुष्ट होकर यदि परीक्षा में बैठते हैं तो परीक्षा में जो नंबर मिलेंगे वही फिर मान्य होंगे। ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर कितनी जल्दी उत्तराखंड शासन के द्वारा रामनगर बोर्ड के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाता है और कब तक 10 वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित होता है ।

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