लॉक डाउन में किताबों को ढूंढने लिए अभिभावकों को नहीं करनी पड़ेगी माथापच्ची,किताबों की दुकान खुलने की मिली छूट

देहरादून । कोरोना महामारी के बीच जहां देश में लॉक डाउन 3 मई का है, वही कोरोना महामारी के चलते शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ा है, जिसकी वजह से अभी 1 अप्रैल से शुरू होने वाला नया शैक्षणिक सत्र शुरू नहीं हो पाया है ।हालांकि ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा छात्र की पढ़ाई प्राइवेट स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों ने भी शुरू कर दी है । लेकिन बिना किताबों के और सिलेबस के पढ़ाई कैसी होगी यह अपने आप में भी छात्रों के सामने भी बड़ी समस्या आ रही थी ।लेकिन गृह मंत्रालय ने लॉक डाउन के दौरान अब किताबों की दुकान खोलने को लेकर छूट दे दी है,जिससे अब छात्रों को किताबों के साथ कॉपियां भी आसानी से मिल जाएंगे इससे अभिभावकों को भी राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के लिए ढूंढने से ना तो किताबें मिल पा रही थी,और ना ही काफिया मिल रही थी । कई प्राइवेट स्कूल किताबों के लिए होम डिलीवरी कर रहे थे जिसका चार्ज अभिभावकों से वसूला जा रहा था । ऐसे में अभिभावकों को किताबों खरीदने के साथ कोई अतिरिक्त पैसे नहीं देने पड़ेंगे क्योंकि आगे और सीधे दुकानों में जाकर किताब खरीद सकेंगे। वही उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय भी इस बात को लेकर चिंतित थे कि कैसे छात्रों को किताबे उपलब्ध हो,और इसको लेकर उन्होंने मानव संशाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी बात की थी,जिसके बाद मानव संसाधन मंत्रालय की बात को गृह मंत्रालय ने मानते हुए,लॉक डाउन में किताबों की दुकान को खोलने में छूट दे दे है।

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