प्रीतम बोले 2022 में प्रचंड बहुमत से बनेगी कांग्रेस की सरकार, भाजपा की नीतियों से त्रस्त उत्तराखंड की जनता बना चुकी है परिवर्तन का मन

हरिद्वार । उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सूबे में सियासत का रंग चढ़ने लगा है। प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस पूरी ताकत से हाथ-पांव मार रही है। विधानसभा चुनाव की तैयारी पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व निगाह बनाए हुए है। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए परिवर्तन यात्रा शुरू की हुई है। 3 सितंबर से प्रदेश के लोगों को बीजेपी सरकार की नाकामी बताने के लिए परिवर्तन यात्रा जारी है। कुमाऊं मंडल में पहले चरण की सफलता के बाद हरिद्वार में कांग्रेस का दूसरा चरण की सफल रहा। कांग्रेस परिवर्तन यात्रा के माध्यम से एक तरफ बीजेपी की खामियों को जन-जन तक पहुंचाने का एजेंडा बनाया है तो दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता एक साथ एक मंच पर लाकर एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं।

कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा को पहले ऊधमसिंह नगर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों और नैनीताल जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों हल्द्वानी, कालाढूंगी नैनीताल और रामनगर में जनता को सन्देश देने व कार्यकर्ताओं में जोश भरने में कामयाब दिखी। परिवर्तन यात्रा के पहले चरण में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री धामी को निशाने पर रखा । सीएम के विधानसभा क्षेत्र खटीमा के साथ पूरे ऊधमसिंह नगर जिले पर कांग्रेस की नजरें टिकी हैं। वही दूसरे चरण में उसने हरिद्वार पर फोकस बनाया हुआ है। कांग्रेस जानती है कुमाऊँ मंडल व हरिद्वार जनपद उसके सत्ता तक पहुँचने का रास्ता तय करेंगे।

कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण का लक्सर विधानसभा में विधिवत समापन हो गया है। यात्रा के दूसरे चरण में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को लेकर कार्यकर्ताओं और जनता में काफी उत्साह देखा गया। हरिद्वार ग्रामीण से लेकर लक्सर तक सभी जगह प्रीतम सिंह ने कार्यकर्ताओं में 2022 के लिए जोश भरने का काम किया। इसे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की खासियत कहे य फिर पिछले साढ़े चार साल से संगठन के लोगो को साथ लेकर चलने की खूबी। अभी तक जिस भी विधानसभा में यात्रा पहुंची वंहा प्रीतम सिंह का स्वागत करने में कार्यकर्ताओं में उत्साह नज़र आया।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता दिल की गहराई से परिवर्तन का मन बना चुकी है। बीजेपी ने साल 2017 में किसानों का ऋण माफ करने का वादा किया था। साढ़े चार वर्षों में ऋण तो माफ नहीं हुआ, किसानों की उत्पीड़न जरूर हुआ। इनकी नीतियों से तंग आकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। कोरोना काल में जब लोग संक्रमण से जूझ रहे थे तो भाजपा सीएम बदलने में लगी थी। बीजेपी ने साढ़े चार साल में जनता पर तीन मुख्यमंत्री थोपे, यह जनता का अपमान है।

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