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शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया पर फिर उठे सवाल,जिन पदों को नहीं दिखाया गया रिक्त,वहां कैसे हो गए ट्रांसफर,क्या शिक्षा मंत्री लेंगे संज्ञान

देहरादून। अनिवार्य स्थानांतरण के अन्तर्गत माध्यमिक स्तर पर हुए शिक्षकों के तबादले सवालों के घेरे में आ गए हैं । कुछ शिक्षकों ने सवाल खड़े किए हैं कि सीमैट में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण सुगम से दुर्गम क्यों नहीं हुए ? स्कूल एजुकेशन पोर्टल पर इनको सुगम से दुर्गम की पात्रता सूची में क्यों नहीं दिखाया गया ? सीमैट में सभी पद प्रतिनियुक्ति के हैं और शिक्षकों के अतिरिक्त अन्य सभी कार्मिकों के स्थानांतरण जब अनिवार्य स्थानांतरण अधिनियम के अनुसार होते हैं तो फिर शिक्षकों को क्यों छोड़ा गया ? यदि शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर छोड़ा गया है तो सीमैट में प्रतिनियुक्ति आखिर कितने समय के लिए होती है ? सर्व शिक्षा के तहत इसे खोला गया था,जबकि आज सर्व शिक्षा के स्थान पर समग्र शिक्षा है जिसमें नियत समय के लिए ही प्रतिनियुक्ति होती है ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

दूसरे, एससीईआरटी और डायटों के पदों को जब रिक्ति के रूप में दिखाया ही नहीं गया कुछ शिक्षकों को इन संस्थानों में कैसे स्थानांतरित किया गया ? डायट से डायट और एससीईआरटी से डायट स्थानांतरण का कोई नियम ही नहीं है क्योंकि प्रदेश में शिक्षक शिक्षा संवर्ग नहीं है, आज की तिथि में सभी शिक्षक माध्यमिक शिक्षा के हैं । महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा एससीईआरटी, सीमैट और डायटों के शिक्षकों की स्थानांतरण की पात्रता सूची में दर्शा कर जब नियमानुसार स्थानांतरण करने के लिए आदेशित किया गया था तो इन संस्थानों के कुछ शिक्षकों को छिपाया क्यों गया ? तीसरे, निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा प्रत्यावेदन निस्तारण तक सभी प्रत्यावेदन देने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त करने पर रोक लगा दी गई जबकि एक्ट के अनुसार प्रत्यावेदन निस्तारण की निश्चित समय सीमा है । आज कई शिक्षक एकतरफा कार्यमुक्त हो चुके हैं और प्रत्यावेदन निस्तारण का इंतजार कर रहे हैं । निदेशक द्वारा प्रत्यावेदनों का निस्तारण कर संशोधित आदेशों को एजुकेशन पोर्टल पर न दर्शाया जाना भी स्थानांतरण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्न खड़े कर रही है ।

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