संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों को मिला मानदेय वृद्धि का उपहार,शिक्षकों ने जताया संस्कृत शिक्षा मंत्री का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सीएम आवास में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें 7 अहम फैसलों पर मुहर लगी । लेकिन इन 7 महत्वपूर्ण फैसलों में एक महत्वपूर्ण फैसला संस्कृत शिक्षा विभाग के तहत भी लिया गया । जी हां संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में अस्थाई रूप से नियमित मानदेय पर पढ़ा रहे 57 ऐसे शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ कैबिनेट ने दिया है । जो संस्कृत विद्यालय महाविद्यालयो में अन्य विषयों को सालों से पढा रहें है। कैबिनेट ने पहले 155 और शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया था। लेकिन उसमें से 57 शिक्षक लाभान्वित नहीं हुए थे । लेकिन 57 शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। वेतन वृद्धि के तहत 5 वर्षों से संस्कृति स्कूलों में पढ़ा रहे हैं शिक्षकों को अब 15000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा । जबकि 5 वर्ष से अधिक किंतु 10 वर्ष तक निरंतर अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों को 25000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा । 10 वर्षों से अधिक समय से अध्यापन पर आ रहे शिक्षकों को 30000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। जबकि अध्यापन करा रहे ऐसे प्रबंधकीय शिक्षक जो यूजीसी के मानकों के अनुसार पीएसडी, एमफिल धारक हैं उन्हें 5000 प्रति माह अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाएगा। कैबिनेट के फैसले से लाभान्वित शिक्षकों ने इसके लिए सरकार का आभार जताया है, शिक्षकों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का आभार व्यक्त करते हैं कि जिन्होंने उनकी समस्या को समझते हुए मानदेय बढ़ाया है। कई शिक्षक इस दौरान संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को आभार व्यक्त करने के लिए यमुना कॉलोनी स्थित आवास भी पहुंचे । लेकिन मंत्री के आवास पर ना होने के चलते विशेष कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र तिवारी के माध्यम से शिक्षकों ने संस्कृति शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय तक अपना आभार सन्देश पहुंचाया है।आपको बता दें कि संस्कृत शिक्षक के मानदेय बढ़ाने के लिए संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बड़ा प्रयास किया था। जिसके तहत अब 155 शिक्षकों को अब सीधे तौर से बढ़े हुए में मानदेय का लाभ मिलेगा।

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