प्रदेश के अभिभावकों के लिए तीरथ सरकार देने जा रही है खास उपहार,फीस एक्ट का प्रस्ताव हो रहा है तैयार,दिल्ली के फीस एक्ट का भी किया जा रहा है अध्ययन
देहरादून। उत्तराखंड की तीरथ सरकार अभिभवकों को बड़ा तौहफा चुनावी वर्ष में दे सकती है। ये तौहफा अभिभवकों के लिए कुछ और नहीं बल्कि फीस एक्ट का है,जिस पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय के बार – बार कहने पर कि उत्तराखंड में फीस एक्ट लागू होगा जो काम त्रिवेंद्र सरकार में नहीं हुआ,वह तीरथ सरकार में पूरा होने की उम्मीद जगी है। शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय के द्धारा जो आदेश फीस एक्ट का प्रस्ताव तैयार करने के करीब दो साल पहले दिए गए थे,उसी प्रस्ताव पर अब शिक्षा विभाग काम कर रहा है,जब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदल गए है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने 1 जून को फीस एक्ट को लेकर बैठक में अधिकारियों को कसरत करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अनुसचिव के द्धारा शिक्षा निदेशक को फीस एक्ट का प्रस्ताव करने के निर्देश दिए गए है। अनुसचिव शिव विभूति रंजन के द्धारा जो आदेश शिक्षा सचिव को दिया गया है,उसमे 1 जून को शिक्षा सचिव के द्धारा ली गई बैठक का हवाला दिया गया है,फीस एक्ट का प्रस्ताव कई जिलों से मिले सुझाव और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में नीजी शिक्षण संस्थानों में शुल्क का परीक्षण करते हुए प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। शिक्षा निदेशक को तत्काल फीस एक्ट का प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध करने के निर्देश दिए गए है। जिससे साफ होता है कि उत्तराखंड में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले तीरथ सरकार अभिभवकों अशासीय एवं प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को फीस एक्ट का तौहफा दे सकती है। जिसका लाभ जहां पार्टी को विधान चुनाव में प्राप्त हो सकता है। लेकिन अभिभवक तो उत्तराखंड बनने के बाद से फीस एक्ट का इंतजार कर रहे है,एसे में अगर तीरथ सरकार फीस एक्ट का तौहफा अभिभावकों देती है तो यह अभिभवकों की मन की मुराद पूरी करने जैसा होगा,जिससे प्राईवेट स्कूलों की लूट से अभिभवकों की जेब पर डाका नहीं पड़ेगा। खैर चुनावी वर्ष में ही सही यदि फीस एक्ट उत्तराखंड में लागू होता है,तो इसके लिए तीरथ सरकार की वाहावही हमेशा होती रहेगी। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों की लूट से अब तक लुटते आएं अभिभवकों को राहत मिल जाएगी।