वरिष्ठता के लिए शिक्षक संगठन ने किया ऐलान,कोर्ट में लगाई जाएंगी कई कैविएट,सभी विधायकों के साथ सीएम को भी भेजा ज्ञापन

देहरादून। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के 06 जनपदों के जिलाध्यक्ष उधमसिंहनगर सुबोध कुमार चौहान, अल्मोड़ा के विमल लोहनी, पिथौरागढ़ के नीरज ओझा, उत्तरकाशी सोवेंद्र सिंह रावत, देहरादून ओम प्रकाश नोटियाल तथा पौड़ी से हरिश्चंद्र सिंह रावत जी तदर्थ शिक्षकों को दी गयी वरिष्ठता पर रोक को बरकरार रखने के लिये उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल ने अलग अलग कैविएट दाखिल करेगे। आज ज़ूम ऑनलाइन मीटिंग में राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने तदर्थ शिक्षकों को दी गयी वरिष्ठता तिथि 01अक्टूबर 1990 को समाप्त करने के लिये यह निर्णय लिया कि संगठन सीधी भर्ती के शिक्षकों के पक्ष में यह लड़ाई उच्च न्यायालय तथा आवश्यकता पड़ी तो उच्चतम न्यायालय में भी पुरजोर ढंग से लड़ा जाएगा। जिस पर संगठन ने अधिक से अधिक कैविएट न्यायालय में लगाने का भी निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राजपूत बतलाया कि दिनाँक 17 जुलाई को संघ के द्वारा एक ज्ञापन अपनी एक सूत्रीय मांग की पूर्ति माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्यसचिव,प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री,राज्य के सभी मंत्रीगणों, विधानसभा अध्यक्ष सहित सभी 70 को विद्यायकगण को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा है। सी0 टी0 संवर्ग के सभी शिक्षक समानता के आधार पर अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भांति 01.01 1986 से सी0 टी0 संवर्ग को मृत मानते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता के साथ, नियुक्ति तिथि से ही एक वेतनवृद्धि का लाभ के समस्त सेवा अवधि का एरियर के प्रकरण के शीघ्र निस्तारण की मांग की है। संघ की प्रदेश महासचिव डॉ शिवानी राणा ने कहा कि संघ के प्रांतीय टीम सोमवार से एक अभियान के तहत सभी विद्यायको तथा मंत्रियों से मिलकर अपनी वाजिब मांग से अवगत कराकर न्याय की गुहार लगाएंगे। सरकार एवम विभाग हमारी मांग पूर्ति नही करता है तो सी0टी0 ग्रेड के सभी शिक्षक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शासकीय अवकाश के दिन आंदोलन करने को बाध्य होंगें। जूम मीटिंग में अध्यक्ष अजय राजपूत, महासचिव डॉ0 शिवानी राणा, निर्मला पंत, गिरीश।कोटियाल, हेमलता नोटियाल, आशा बिष्ट, सुमन पंवार, कृष्णा आर्या, राम चन्द्र प्रजापति, ओम प्रकाश नोटियाल, रविन्द्र फर्स्वाण, डॉ0 सरोज जोशी, ठाकुर सिंह चौहान इत्यादि शिक्षकों ने ऑनलाइन अपने विचार रखकर सुझाव दिए।

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